-रिजर्वेशन टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने को रेलवे बोर्ड का फैसला

- फेस्टिव सीजन शुरू होते ही टिकटों पर होगी बारकोडिंग, फर्जी आईडी से दलाल नहीं करा पाएंगे रिजर्वेशन

-फर्जी आईडी पर बने टिकट आसानी से पकड़ सकेंगे टीटीई, लाखों यात्रियों को मिलेगा इसका फायदा

द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रेलवे बोर्ड रिजर्वेशन टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए फेस्टिव सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जल्द ही पैसेंजर्स को ऑनलाइन व काउंटर रिजर्वेशन टिकटों पर बारकोड दिखाई देगा। इसके लिए रेलवे ने रिजर्वेशन टिकट सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का काम शुरू कर दिया है। रिजर्वेशन टिकटों में बारकोड लगाने से दलालों का खेल खत्म हो जाएगा। वो फर्जी आईडी के जरिए रिजर्वेशन टिकट बुक नहीं कर सकेंगे। अगर वह ऐसा करते भी है तो सफर के दौरान टीटीई उन पैसेंजर्स को आसानी से पकड़ लेगा। जिसके जरिए दलाल तक पहुंचकर उस पर कार्रवाई होगी।

टीटीई को मिलेगी 'मशीन'

सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल के मुताबिक रिजर्वेशन टिकटों को दलालों की पहुंच से दूर रखने के लिए रेलवे ने टिकटों में बारकोड देने का निर्णय लिया है। साथ ही ट्रेनों में चलने वाले टीटीई को बारकोड वाले टिकट चेक करने के लिए हैंड हेल्ड मशीनें भी दी जाएंगी। बारकोड में पैसेंजर्स का पूरा विवरण दिया होगा। बारकोड के जरिए यात्री पीएनआर, मेल, फीमेल, पता व मोबाइल नंबर आसानी से पढ़ लिया जाएगा। जिसके बाद दलाल से बना टिकट पकड़ में आ जाएगा।

बोर्ड सर्वर से क्नेक्ट होगी मशीन

सीपीआरओ के मुताबिक, टीटीई को दी जाने वाली हैंडहेल्ड मशीनें रेलवे बोर्ड के सर्वर से कनेक्ट होंगी। इसके माध्यम से ट्रेन का टीटीई टिकट के बारकोड से यात्री की पूरी डिटेल आसानी से प्राप्त कर सकता है। चेक करते ही उसे पता चल जाएगा कि टिकट किसकी आईडी से बना हुआ है। टिकट में निर्धारित यात्री ही सफर कर रहा है या कोई दूसरा।

बॉक्स

खाली बर्थ की मिलेगी जानकारी

सीपीआरओ के मुताबिक यह व्यवस्था लागू होने के बाद टिकट निरीक्षकों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा। कैंसिल होने वाली टिकटों की संख्या कम्प्यूटर में अपलोड होते ही रनिंग ट्रेनों की खाली बर्थ की जानकारी सिस्टम में अपडेट हो जाएगी। जिसके बाद कंट्रोल रूम के माध्यम से ही यात्रियों को मैसेज के जरिए ट्रेन की खाली बर्थ की जानकारी दे दी जाएगी। जिसके बाद वेटिंग टिकट वाले यात्री टीटीई से खाली बर्थ बुक करने की मांग कर सकते हैं।

आंकड़े

383 रूटीन ट्रेनों का आवागमन कानपुर से होता है

37 स्पेशल ट्रेनों का कानपुर से होता है आवागमन

3 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डेली आना-जाना

30 हजार से अधिक काउंटर टिकट प्रतिदिन होते

50 हजार यात्री प्रतिदिन ऑनलाइन बनाते हैं टिकट

कोट

रेलवे रिजर्वेशन टिकटों की 'दलाली' में अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने टिकट में बारकोड डालने का निर्णय लिया है। इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा। ट्रॉयल शुरू कर दिया गया है।

गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर