- छात्रा के ताऊ के बेटे ने खाया जहर, कोहराम

- दिल्ली गेट स्थित हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत

आगरा। मलपुरा का गांव लालऊ में गुरुवार को कोहराम मच गया। गांव में जैसे ही छात्रा संजली की मौत की खबर पहुंची, वैसे ही तहेरे भाई ने विषाख्त खा लिया। इसकी जानकारी परिजनों को देर से हो सकी। उसे उपचार के लिए दिल्ली गेट स्थित हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

बराबर से लगे हुए हैं मकान

पेट्रोल से आग की शिकार हुई 10वीं की छात्रा संजली के ताऊ और चाचा के मकान भी बराबर से लगे हुए हैं। संजली के ताऊ का बेटा 25 वर्षीय योगेश पुत्र शेर सिंह एसएस डिग्री कॉलेज से बीएड कर रहा था। इसी कॉलेज से संजली की बड़ी बहन बीएससी कर रही है। गुरुवार सुबह जब संजली की मौत की खबर गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया।

सुबह-सुबह खाया विषाख्त

मौत की खबर के बाद योगेश ने विषाख्त खा लिया। एकरिश्तेदार ने बताया कि योगेश ने सुबह छह बजे विषाख्त खाया था पर किसी को बताया नहीं। 11 बजे जब दर्द असहनीय हो गया तब उसे विषाख्त खाने की बात बताई। इसी के बाद परिजन उसे हॉस्पिटल लेकर दौड़े। चिकित्सकों ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। दोपहर में खबर आई कि उसकी मौत हो गई। हॉस्पिटल में मौजूद परिजनों में चीख-पुकार मच गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

'मैं बिना भैया के घर नहीं जाऊंगी'

हॉस्पिटल में योगेश की मां राजन देवी व भाभी भी आई थी। मां ने बेटे को देखा नहीं था। मां ने बताया कि सुबह वह सोता ही रहा उठा नहीं। वह योगेश को भैया जी बोलती हैं। परिजनों को जब मौत की खबर की जानकारी हुई तो उन्होने मां से घर जाने की बात बोली। उनसे कहा कि योगेश ठीक हो जाएगा। वह गांव चली जाए योगेश बाद में आ जाएगा। लेकिन मां पहले ही अनहोनी को भांप चुकी थी। राजन देवी ने साफ बोल दिया कि वह भैया जी को देखे बिना नहीं जाएगी।

अब क्या करूंगी मैं

बेटे की मौत पर रोती हुई मां एक ही बात बोल रही थी कि मेरा बेटा चला गया अब मैं क्या करूंगी। परिवार में दो मौतों से कोहराम मच गया। जब योगेश को शव को स्ट्रैचर से निकाल कर दूसरे रूम में ले जाने लगे तो मां शव के पीछे दौड़ी, परिजनों ने किसी तरह उसे पकड़ कर रोका। हॉस्पिटल में बाहर लेकर आए। मां रोते-रोते जमीन पर गिर पड़ी। परिवार उन्हें ढांढस बंधा रहा था।