मंडे को मामले में पुलिस ने वर्कआउट करने का दावा किया। पुलिस ने एक आरोपी को अरेस्ट किया है। पुलिस का कहना है कि यह शख्स सुपारी किलर है और वारदात में शामिल था। मामले में पांच और लोगों की तलाश की जा रही है.

दिन-दहाड़े मारी थी गोली

बता दें कि 16 जुलाई को बाबूपुरवा में दिन दहाड़े एडवोकेट और पॉलिटिकल फिगर योगेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थीएसपी सिटी कुशहर सौरभ के मुताबिक, पकड़े गए शख्स का नाम शहजादे उर्फ काले है। काले से पूछताछ में पता चला कि योगेंद्र के भाई रणविजय ने ही भाई की हत्या की सुपारी दी थी। घटना को राजू नुक्ती, काले और बदरूद्दीन ने अंजाम दिया.

ढाई लाख में tender

एसपी ने जो स्टोरी बताई है उसके मुताबिक कुख्यात अपराधी आदिल बाबूपुरवा में योगेंद्र के पिता और भाई का पड़ोसी था। बाद में वह शुक्लागंज में रहने लगा। आदिल फिलहाल जेल में है। रणविजय ने योगेंद्र को मारने के लिए आदिल से संपर्क किया। आदिल ने यह काम ढाई लाख रुपए में इसराइल आटेवाला को सौंप दिया। इजराइल ने सुपारी बदरूद्दीन को ट्रांसफर कर दी। बदरू ने राजू नुक्ती, काले और एक अन्य शख्स के साथ मिलकर योगेंद्र की हत्या कर दी। इसके लिए बदरू को 50  हजार रुपए मिले थे जिसमें से पांच हजार रुपए काले का दे दिए थे।

Bike दिया सुराग

काले के मुताबिक, कुछ दिन योगेंद्र की रेकी की गई। योगेंद्र का भाई भी इसमें हेल्प कर रहा था। घटना वाले दिन भी रणविजय ने ही इंफर्मेशन दी थी। इसके बाद बाइक पर आए हत्यारों ने योगेंद्र को गोली मार दी। घटना के बाद पब्लिक ने काले का दौड़ा लिया जिससे वह बाइक छोडक़र भाग गया। बाइक के जरिए पुलिस काले तक पहुंच गई। काले अपने दोस्त सनी से बाइक मांगकर लाया था। काले के मुताबिक योगेंद्र की मौत की बात में गढ़ंती शब्द का यूज किया जाता था। गढंती किसी चीज को हिट करने को कहा जाता है.