कानपुर। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश ब्रुनेई में अगले हफ्ते से समलैंगिक संबंधो और व्यभिचार के मामले में दोषियों को मौत की सजा सुनाई जाएगी। नए पीनल कोड के अनुसार, यह नया कानून 3 अप्रैल से देश में लागू होगा, इसके तहत दोषियों को पत्थरों से मारकर मौत की सजा दी जाएगी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दोषियों को सजा गवाहों के देखरेख में मिलेगी। बता दें कि देश में इस नए और सख्त कानून का ऐलान 2014 में ही कर दिया गया था लेकिन लागू अब होने वाला है। मानवाधिकार समूह ने इस नए कानून का जमकर विरोध किया है।



तुरंत रोकनी चाहिए यह सजा

एमनेस्टी इंटरनेशनल (मानवाधिकार संगठन) में ब्रुनेई शोधकर्ता राहेल छोआ-हावर्ड ने कहा, 'ब्रुनेई को तुरंत इस सख्त सजा को लागू करने से रोकना चाहिए और मानवाधिकारों के नियमों को ध्यान में रखते हुए इस कानून में संसोधन भी करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस क्रूर दंडों को व्यवहार में लाने के लिए ब्रुनेई के कदम की कड़ी निंदा करनी चाहिए।' बता दें कि इस नए कानून की घोषणा मई 2014 में ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्कैया ने की थी, जो देश के प्रधानमंत्री के रूप में भी काम करते हैं। इस कानून की घोषणा करते हुए सरकारी वेबसाइट ने सुल्तान के हवाले से कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि कुछ लोग इस कानून के पक्ष में नहीं होंगे लेकिन जो लोग राष्ट्र का सम्मान करते हैं, वे इसका जरूर पालन करेंगे।'
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