प्राइमरी स्कूल पिलखिनी की हेडमास्टर ने की थी बीएसए के खिलाफ अभद्र टिप्पणी

चेकिंग में उनके स्कूल के कक्षा पांच के बच्चे भी ठीक से नहीं पढ़ पाए थे हिंदी की किताब

VARANASI

सोशल मीडिया पर बीएसए के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर काशी विद्यापीठ ब्लाक के प्राइमरी स्कूल पिलखिनी की हेडमास्टर फंस गई हैं. बीएसए ने इसे गंभीरता से लिया है. उन्होंने हेडमास्टर गीता तिवारी से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. निर्धारित अवधि में जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है.

पैरेंट्स ने की थी शिकायत

पैरेंट्स ने प्राइमरी स्कूल पिलखिनी के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत की थी. वित्तीय अनियमितता, बच्चों के संग दु‌र्व्यवहार के आरोप में हेडमास्टर गीता तिवारी के खिलाफ लोहता थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. एबीएसए ने बीएसए से जांच कराने की संस्तुति की थी.

बीएसए ने की थी जांच

इसकी पड़ताल करने बीएसए जय सिंह स्वयं 10 अप्रैल को स्कूल पहुंचे. उन्होंने बताया कि विद्यालय में पंजीकृत 68 बच्चों में महज 30 बच्चे उपस्थित थे. निरीक्षण के दौरान विद्यालय में पठन-पाठन का स्तर भी बेहद खराब मिला. कक्षा-पांच के बच्चे हिंदी की किताब नहीं पढ़ पा रहे थे. साथ ही स्कूल कैंपस गंदा मिला. इसे देखते हुए बीएसए ने हेडमास्टर को शिक्षा का स्तर सुधारने की चेतावनी दी. इससे नाराज होकर प्रिंसिपल ने सोशल मीडिया पर बीएसए के खिलाफ गंभीर आरोप लगा दिया. बीएसए ने इसे गंभीरता से लेते हुए हेडमास्टर से सात दिनों के अंदर साक्ष्य के साथ जवाब मांगा है.