-परिषदीय स्कूल्स में शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए शुरू की गई शिक्षा ग्रह योजना पर लगा ग्रहण

-बीएसए ऑफिस में बनाए गए कंट्रोल रूम से अब नहीं हो रही स्कूल्स की निगरानी, शिक्षकों की शुरू हो गई है मनमानी

परिषदीय स्कूल्स में टीचर्स की निगरानी व शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से बीएसए ऑफिस में शुरू हुए शिक्षा ग्रह पर ग्रहण लग गया है। सॉफ्टवेयर युक्त 'शिक्षा ग्रह' की मॉनिटरिंग इन दिनों ठिठक सी गई है। मौजूदा हाल में अब न तो शिक्षकों की निगरानी हो पा रही है और न ही परिषदीय स्कूल्स में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो पा रही है। तत्कालीन डीएम रहे विजय किरन आनंद ने अक्टूबर 2016 में शिक्षा ग्रह सॉफ्टवेयर डेवलप कर बहुत हद तक शिक्षकों की मनमानी पर लगाम लगाया था। उस दौरान लगभग डेढ़ दर्जन टीचर्स पर कार्रवाई भी हुई थी। मगर, अब एक बार फिर से शिक्षक अटेंडेंस लगाकर गायब हो जा रहे हैं और छुट्टी के समय वापस स्कूल पहुंच रहे हैं।

घनघनाना बंद हो गया फोन

बीएसए ऑफिस में बनाए गए कंट्रोल रूम का फोन भी अब घनघनाना बंद हो गया है। कंट्रोल रूम में चार कंप्यूटर लगाए गए हैं। साथ ही कंट्रोल रूम में तैनात अनुदेशकों को डेली 40 से 50 विद्यालयों में फोन कर टीचर्स व स्टूडेंट्स की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन मेन्यू के अनुसार बन रहा है या नहीं सहित कई अन्य बिंदुओं पर पड़ताल करना होता है, इस दौरान एक खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की भी ड्यूटी लगाई जाती है जो हेड मास्टर्स व छात्रों से सवाल भी पूछते हैं। कंट्रोल रूम को सूचना दिए बिना अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों का उक्त दिवस के वेतन की भी कटौती की जाती है। कंट्रोल रूम में जिले के सभी 1,368 विद्यालयों का डेटा फीड किया गया है। इसमें शिक्षकों, छात्र-छात्राओं की प्रोफाइल भी शामिल की गई है।

ग्रेडिंग की व्यवस्था धड़ाम

तत्कालीन डीएम ने 'शिक्षा ग्रह' में बच्चों की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर विद्यालयों की ग्रेडिंग की भी योजना बनाई थी। इसके तहत विद्यालयों में वार्षिक व अर्धवार्षिक एग्जाम के अलावा वर्ष में चार यूनिट कराना था। यूनिट टेस्ट में बच्चों की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय के ग्रेड तय करना था ताकि विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति का आंकलन किया जा सके। साथ ही टेस्ट के माध्यम से पढ़ने में कमजोर बच्चों को चिन्हित किया जा सके। डीएम विजय किरन आनंद का ट्रांसफर हो जाने के कारण यूनिट टेस्ट व ग्रेडिंग की योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी।

'शिक्षा ग्रह' योजना के तहत शिक्षकों से लगायत स्कूल्स में मिलने वाली सुविधाओं की पड़ताल की जा रही है। कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम बीच में आई थी, मगर सब ठीक है।

बृजभूषण चौधरी, बीएसए