-भोजूबीर प्राथमिक स्कूल में अब नहीं होती है पढ़ाई

-कक्षाओं में भर गया कबाड़खाना, स्कूल के मेन गेट पर ही है पेशाबखाना

-प्राथमिक विद्यालय पिसनहरिया में पहुंचना नहीं आसान

VARANASI

दिन-शनिवार

समय-दोपहर क्ख् बजे

स्थान-भोजूबीर के सब्जी मंडी मार्केट में भूत बंगला सा दिखने वाला प्राथमिक विद्यालय

स्कूल को दूर से ही देखकर कोई भी कह सकता है कि यहां इंसान के बच्चे क्या? जानवर भी नहीं रह सकते। अफसोस यह स्कूल बच्चों को ज्ञान प्रदान करने के लिए है। इस कदर जर्जर हो चुकी विद्यालय की बिल्डिंग कब धराशायी हो जाए यह किसी को नहीं पता। बच्चों की जिंदगी की सलामती के लिए आसपास के लोगों ने बच्चों को इस स्कूल में भेजना ही बंद कर दिया। मेन रोड पर स्थित प्राथमिक विद्यालय का मेन गेट देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसकी क्या हालत है। कूड़ा व अवैध कब्जों से घिरा विद्यालय, मेन गेट पर ही बनाया गया पेशाबखाना यह सब देखकर बच्चों को स्कूल भेजने से ही तौबा करा लिया है। कक्षा एक से आठ तक संचालित होने वाले इस स्कूल में लास्ट ईयर इसी हालात में बच्चों की पढ़ाई हो रही थी लेकिन इस सेशन में पैरेंट्स ने अपने बच्चों की जिंदगी दांव पर नहीं लगने दिया।

कक्षाओं में दुकानदारों का कब्जा

दो मंजिला स्कूल बिल्डिंग में चार रूम ऊपर और चार रूम नीचे हैं। पीछे बच्चों के खेलने के लिए छोटी सी जगह, जो अब कबाड़ और झाडि़यों से पटी पड़ी है। नीचे के रूम में तो आसपास के दुकानदारों ने अपना ताला बंद करना शुरू कर दिया है। रूम के अंदर रिक्शा के पार्ट्स और कुछ कबाड़ रखे जा रहे हैं। वहीं ऊपर की कक्षाओं में जाने का किसी के पास जिगरा नहीं है। हिलती हुई सीढ़ी के सहारे ऊपर की कक्षाओं में दाखिल होना आसान नहीं है।

बहुत कठिन डगर है बच्चों की

दिन-शनिवार

समय-दोपहर क्ख्.फ्0 बजे

स्थान- पांडेयपुर का प्राथमिक विद्यालय पिसनहरिया

इस स्कूल में पहुंचने की डगर बच्चों के लिए आसान नहीं है। हर कदम पर बच्चों के पांव फिसलते हैं। जान पर खतरा मंडराता रहता है। यहां मौजूद पूर्व माध्यमिक स्कूल बिल्डिंग का और बुरा हाल है। छत से बारिश का पानी टपकना और उसी में बच्चों की पढ़ाई जारी रखना प्रधानाध्यापक सहित बच्चों के लिए बहुत कष्टदायी साबित हो रहा हैं। कई बार शिक्षाधिकारियों को लेटर भी लिखा गया लेकिन समस्याएं जस की तस है। यहां लगभग पांच साल से फ्0 बच्चों पर सिर्फ एक ही अध्यापक है। यही स्कूल के सबकुछ हैं।

जर्जर बिल्डिंग में बच्चों को नहीं पढ़ने दिया जाएगा। भोजूबीर स्कूल की कंडीशन खराब है। बाकि स्कूल्स की हालात दुरुस्त भी कराई जा रही है।

हरिकेश यादव

बीएसए