- सत्यापन के लिए बोर्ड-विश्वविद्यालय गए शैक्षिक प्रमाण पत्र बिना प्रमाणित हुए लौटे

- समायोजित हुए शिक्षामित्रों को 28 जनवरी तक का समय दिया गया

FATEHPUR:

शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने वालों को विभाग ने नोटिस थमा दी है। आधा सैकड़ा अध्यापक ऐसे हैं, जिनके शैक्षिक अभिलेख बोर्ड-विश्व विद्यालय से बिना प्रमाणित हुए लौट आए हैं। विभाग ने ऐसे अध्यापकों को नोटिस थमाकर अपना पक्ष रखने का समय दिया है।

लंबे समय से शिक्षामित्र की नौकरी करके सहायक अध्यापक बने लोगों के सामने सिर मुडाते ही ओले पड़ने वाली नौबत आ गई है। नौकरी पाकर तनख्वाह पाने की लाइन में खड़े शिक्षामित्रों के सामने भारी संकट आ गया है। विभाग ने सत्यापन के बिना लौटे शैक्षिक प्रमाण पत्रों को संदिग्ध मान लिया है।

बीएसए ओपी त्रिपाठी ने बताया कि आधा सैकड़ा नोटिस लिखे हुए पते पर जारी कर दी गई हैं, जिससे कि शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने लोग अपना पक्ष रख सकें। इसके लिए ख्8 तारीख की मियाद तय की गई है। नियत समय में अगर स्पष्टीकरण और पक्ष नहीं रखा जाता है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।

धारा ब्ख्0 का मुकदमा दर्ज होगा

नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाने वाले लोगों के लिए आने वाला समय मुसीबत भरा हो सकता है। विभाग को गुमराह करना और असत्य प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने की सजा भी मिल सकती है। जानकारों की मानें तो इन पर आईपीसी की धारा ब्ख्0 के तहत मुकदमा बनता है। बीएसए ओपी त्रिपाठी कहते हैं कि अभी तो पक्ष रखने का समय दिया गया है। आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की जाएगी।