नव्या ने 93 परसेंट माक्र्स के साथ फस्र्ट पोजीशन हासिल की, जबकि 92.80 परसेंट माक्र्स के साथ प्रीति सोनी दूसरे और 92 परसेंट माक्र्स के साथ राधा कुमारी वर्मा तीसरे स्थान पर रही। वर्ष 2012 का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में बेटर रहा। पिछले साल जहां 67.21 परसेंट स्टूडेंट्स सफल हुए थे, वहीं इस साल 71.03 परसेंट सफल हुए।

एक ही स्कूल के पांच टॉपर्स

10वीं के रिजल्ट्स बेहतर होने का अंदाजा साफतौर से इसकी टॉप 10 लिस्ट से झलक रहा है। टॉप 10 में 18 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है, जिसमें सभी के माक्र्स 90 परसेंट से अधिक हैं। आमतौर पर बीएसईबी के रिजल्ट्स में यह कम ही देखने को मिलता है कि एक ही स्कूल से अधिक स्टूडेंट्स टॉप 10 की लिस्ट में शामिल हों, लेकिन 2012 के रिजल्ट में यह मिथक भी टूट गया। आरा के डॉ। एनसीएस गल्र्स हाई स्कूल के चार स्टूडेंट्स टॉप 10 के 18 स्टूडेंट्स में शामिल हैं।

भारी पड़ी आधी आबादी

पिछले कुछ सालों से हर रिजल्ट में लड़कियों के बढ़ते सक्सेस परसेंटेज का सिलसिला बीएसईबी की 10वीं में भी जारी रहा। टोटल अपीयर्ड कैंडिडेट्स में संख्या के अनुसार भले ही लड़कियां कम थी, लेकिन टॉप 10 की लिस्ट में लड़कियों का ही दबदबा रहा। टॉप 10 के 18 स्टूडेंट्स में से 10 लड़कियां शामिल थी, जबकि शुरुआत के तीन पोजीशन पर तो लड़कों को एंट्री ही नहीं मिली। हालांकि ओवरऑल पासिंग परसेंटेज में लड़कियां पिछड़ गईं। 73.987 परसेंट लड़के पास हुए, जबकि 67.398 परसेंट लड़कियां सफल रही।

Boys में अररिया फिसड्डी, तो girls में मुजफ्फरपुर फिसड्डी

बिहार बोर्ड 10वीं के मेल के रिजल्ट में मुंगेर ने बाजी मारी है। मुंगेर का रिजल्ट 87.86 रहा, वहीं अररिया सबसे फिसड्डी रहा। उसके 52.19 परसेंट स्टूडेंट्स ही पास हो सके। फीमेल की बात करें, तो स्टेट में वैशाली की लड़कियों ने परचम लहराया। उसके 86.75 लड़कियां एग्जाम में पास हुई। मुजफ्फरपुर का रिजल्ट बहुत ही खराब रहा। वहां की 42.51 गल्र्स ही एग्जाम में पास हो सकीं।

टॉप डिस्ट्रिक्ट मेल कैटेगरी

मुंगेर - 87.86 परसेंट

फिसड्डी डिस्ट्रिक्ट मेल कैटेगरी

अररिया - 52.19

टॉप डिस्ट्रिक्ट फीमेल कैटेगरी

वैशाली - 86.75

फिसड्डी डिस्ट्रिक्ट फीमेल कैटेगरी

मुजफ्फरपुर - 42.51 परसेंट

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