चौकाघाट में प्रेस कांफ्रेंस कर बीएसएफ जवानों ने खोला तेज बहादुर का राज

बोले, बर्खास्तगी के बाद पब्लिसिटी के लिए मोदी विरोध और काशी नगरी को चुना

काशी से लोकसभा चुनाव लड़ने में कागजी कारणों से चूके बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं बनारस की फिजा में तैर रही हैं. कोई उसे असली चौकीदार बता रहा तो कोई नकली चौकीदार की संज्ञा दे रहा है. पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोकने वाले तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उसके अरमान अधूरे रह गए.

बहन के लिए मांग रहा वोट

अब सपा की कैंडिडेट शालिनी यादव से राखी बंधवाने के बाद तेज बहादुर बनारस की गलियों में बहन के लिए वोट मांग रहा है. इस बीच तेज बहादुर को लेकर बड़ा खुलासा किया है बीएसफ के पूर्व जवानों ने. गैलेंट्री एवार्ड सहित कई स्पेशल टास्क के सदस्य रहे बीएसएफ जवानों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि यह सेना के लिए शर्म की बात है कि तेज बहादुर जैसा जवान सिर्फ पॉपुलैरिटी के लिए सेना को राजनीति में घसीट ले आया. चार बार अपनी हरकतों से सेना की जेल में रहने और और खुद खराब खाना बनाकर पतली दाल सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले बर्खास्त जवान की इस हरकत से पूरी सेना शर्मसार है. चौकाघाट स्थित सेना के एक कैंप में तैनात जवानों ने ये बातें कही.

सौ से अधिक फेसबुक एकाउंट

कई पुरस्कार से सम्मानित बीएसएफ जवान नरसिंह पाल ने बताया कि सेना और सरकार पर तेजबहादुर के आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं. हमारा दुर्भाग्य है कि तेजबहादुर ने फर्जी पब्लिसिटी के लिए सेना के अंगेस्ट जाने का कदम उठाया है. सही बात ये है कि सेना में तेज बहादुर का आचरण बेहद खराब था. बीएसएफ जवान राकेश सिंह ने बताया कि देश विरोधी ताकतों के बहकावे में आकर तेज बहादुर ने ऐसा काम किया है. यह इसी से समझा जा सकता है कि उसके सौ से अधिक फेसबुक एकाउंट हैं. अब इन्हें कौन संचालित कर रहा है? और इतने एकाउंट क्यों बनाए गए? इसका पता लगाया जाना चाहिए.

खुद ही बनाया घटिया खाना

जवान उमेश अवस्थी बताते हैं कि बीएसएफ अपने जवानों का बड़ा ख्याल रखती है. किसी को जल्द सजा नहीं दी जाती है, लेकिन तेजबहादुर ने सब्र की सभी सीमाओं को तोड़ दिया था. लिहाजा इसे सेना से बर्खास्त किया गया. जवान अशोक कुमार ने बताया कि खराब कार्य को देखते हुए ही तेजबहादुर को एडम्प प्वाइंट पर तैनात किया गया था. वहां जवानों को खाना खुद बनाना पड़ता है. मेस नहीं होता है. एक अन्य जवान सोहन ने बताया कि यही कारण था कि साथियों के बीच खाना पकाने में सहयोग नहीं करने पर उसे अकेला छोड़ दिया गया था. इसके बाद उसने पतली दाल बनाई और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया.