* कैंट थाने में दर्ज है चुनाव आचार संहिता तोड़ने का केस, कोर्ट ने नौ मई को मांगी है आख्या
* पीएम को जान से मारने के लिए 50 करोड़ की सुपारी के मामले में अधिवक्ता की ओर से शिकायत
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VARANASI: बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मुकदमे में आत्मसमर्पण के लिए वाराणसी की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है. तेज बहादुर ने मंगलवार को अधिवक्ता राजेश गुप्ता के जरिये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पशुपतिनाथ मिश्र की अदालत में इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया कि वह वाराणसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी था. उसका नामांकन पत्र खारिज हो गया.

अखबारों से मिली जानकारी
इस बीच समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली कि उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा कैंट थाने में दर्ज हो गया है. ऐसे में कैंट थाना से आख्या तलब किया जाना आवश्यक है ताकि वह अदालत में आत्म समर्पण कर सके. अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए नौ मई को थाने से आख्या तलब की है.

अराजकता को लेकर शिकायत
सपा के टिकट पर बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले तेज बहादुर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. सोमवार को तेजबहादुर का दो वीडियो वायरल हुआ था. एक में वह साथियों के साथ शराब पीते हुए विभिन्न प्रांतों की पुलिस को शराब से जोड़ रहा है तो दूसरे वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 72 घंटे में जान से मारने के लिए पचास करोड़ की सुपारी दिलवाने की बात कह रहा है.

एसएसपी को सौंपा पत्र
वीडियो वायरल होने के बाद से बनारस में इसे लेकर काफी आक्रोश है. मंगलवार को अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने तेज बहादुर के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी को प्रार्थना पत्र सौंपा. प्रार्थना पत्र में एक अप्रैल को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी पोर्टिको के बाहर धरना-प्रदर्शन व उपद्रव करने का आरोप लगाते हुए इसकी पुष्टि वहां लगे सीसी कैमरे से करने के बाद मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.