-जेल में बंद किसी कैदी की हत्या की रची गई थी साजिश

-सुरक्षा कर्मियों ने मुलाकाती जवान से बरामद की पिस्टल

-तीन अन्य भी थे जवान के साथ, हिरासत में लिए गए

<-जेल में बंद किसी कैदी की हत्या की रची गई थी साजिश

-सुरक्षा कर्मियों ने मुलाकाती जवान से बरामद की पिस्टल

-तीन अन्य भी थे जवान के साथ, हिरासत में लिए गए

ALLAHABAD: ALLAHABAD: सेंट्रल कारागार नैनी में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सुरक्षा कर्मियों की आंखों में धूल झोंक कर बीएसएफ का एक जवान लोडेड पिस्टल लेकर तीन लोगों के साथ गेट नंबर दो तक पहुंच गया। गेट नंबर दो पर जब तलाशी हुई तो पिस्टल कब्जे में लेने के साथ ही बीएसएफ जवान व अन्य तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया। नैनी जेल में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची गई थी, जिसे जेल सुरक्षा कर्मियों ने फेल कर दिया। लेकिन सवाल सुरक्षा व्यवस्था पर भी उठता है कि आखिर जवान असलहा लेकर गेट नंबर दो तक पहुंचा कैसे?

दो बंदियों से मिलने पहुंचे

बुधवार को दिन के वक्त विनोद कुमार, मो। काजिम, मो। अकरम और मो। सादाब नैनी सेंट्रल जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी कन्नौज निवासी मो। समीम उर्फ नवाब और प्रतापगढ़ निवासी मो। हासिम से मिलने सेंट्रल जेल पहुंचे। मो। हाशिम आठ सितंबर ख्0क्भ् से जेल में बंद है। वहीं, मो। समीम उर्फ नवाब को हत्या के मामले में मृत्युदंड के बाद आजीवन कारावास की सजा हुई है।

गेट नंबर एक पर दिया चकमा

विनोद कुमार समेत चारों लोग कैदियों से मिलने के लिए जेल कैंपस में पहुंचे। मोबाइल जमा किया और फिर गेट नंबर एक को पार कर गेट नंबर दो तक पहुंच गए। जहां से चारों को सर्किल नंबर दो के बैरक नंबर पांच में बंद दोनों कैदियों से मिलना था। गेट नंबर दो पर लंबरदार रामसूरत ने विनोद कुमार की तलाशी ली तो उसके पास से एक पिस्टल बरामद हुई जिसे देखते ही हड़कंप मच गया। सिपाही राजेंद्र, जेलर डीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर ऋत्विक प्रियदर्शी ने विनोद कुमार के साथ ही उसके साथी मो। काजिम, मो। अकरम और मो। सादाब को हिरासत में ले लिया। तलाशी ली गई तो पिस्टल के साथ ही दो मैग्जीन मिली। एक मैग्जीन पिस्टल में लोड थी, जिसमें एक गोली थी, वहीं, एक अन्य मैग्जीन में दो गोलियां थीं।

बीएसएफ का जवान है विनोद

पकड़े गए लोगों की गहन तलाशी में विनोद कुमार के पास से बीएसफ का आईडीकार्ड मिला। जिसके आधार पर उसकी पहचान प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी बीएसएफ जवान के रूप में की गई। वहीं, पिस्टल का लाइसेंस मांगने पर विनोद ने उससे इनकार कर दिया। पिस्टल के साथ जवान के पकड़े जाने की जानकारी तत्काल डीआईजी जेल संतोष कुमार श्रीवास्तव को दी गई। थोड़ी देर में डीआईजी जेल सेंट्रल जेल पहुंच गए। उन्होंने मीडिया को पूरे घटना की जानकारी दी। कहा कि जेल में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश थी, जिसे नाकाम कर दिया गया है।