अभद्रभाषा के विरोध में उतरे बसपाइयों ने भी तोड़ी मर्यादा

-नारों के दौरान किया गया असंसदीय भाषा का उपयोग

-दयाशंकर की गिरफ्तारी को 36 घंटे के अल्टीमेटम पर माने प्रदर्शनकारी

LUCKNOW: बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बीजेपी के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में जुटे हजारों बसपाइयों ने भी मर्यादा तोड़ने में कोई गुरेज नहीं किया। गुरुवार को हजरतगंज में अम्बेडकर प्रतिमा के सामने प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर और उनके परिजनों के खिलाफ जमकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि गत 19 जुलाई को भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इसको लेकर बुधवार को संसद में जमकर बवाल होने के बाद भाजपा ने दयाशंकर को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर उनको सभी दायित्यों से मुक्त कर दिया था। बुधवार को ही हजरतगंज थाने में दयाशंकर के खिलाफ इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था।

विरोध का ऐसा तरीका

दयाशंकर की 'गंदी बात' पर आक्रोशित बसपाइयों ने अभद्र नारों की बौछार कर दी। दयाशंकर के परिजनों को भी नहीं बख्शा गया, उनके खिलाफ भी नारे लगाये गये। सुबह से ही नारे गूंज रहे थे, दयाशंकरको फांसी दो। दयाशंकर कीको पेश करो, दयाशंकर की तीन दवाई जूता चप्पल और पिटायी। इस दौरान बीएसपी के तमाम सीनियर नेता मंच पर मौजूद थे लेकिन किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। बीएसपी के इन नारे की भ‌र्त्सना चौराहे से गुजर रहे राहगीर भी करते नजर आये।

हुंकार, चुनाव में लेंगे अपमान का बदला

कार्यकर्ताओं के साथ साथ बीएसपी नेता भी धरने में शामिल होने के लिए पहुंचे। नेताओं ने दयाशंकर के साथ बीजेपी और उसके शीर्ष नेताओं पर भी हमला बोला। पूर्व मंत्री लालजी वर्मा ने कहा कि बीजेपी दलित विरोधी है और उसके राज में दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा कि बीजेपी की आदत है दलितों का अपमान करना। इनको इलेक्शन में सबक सिखाना है और इस अपमान का बदला बैलेट से लिया जाएगा। विधान परिषद में नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी को सबक सिखाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दयाशंकर को गिरफ्तार कर जब तक जेल नहीं भेजा जाता तब तक बीएसपी चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने पहले दयाशंकर की गिरफ्तारी तक धरना समाप्त ना करने का एलान किया लेकिन मौके पर पहुंचे डीएम से वार्ता के बाद धरने को समाप्त कर दिया गया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि प्रशासन को 36 घंटे का समय दिया गया है।

सुबह से जुटने लगी थी भीड़

बीएसपी ने सुबह नौ बजे से हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर प्रदर्शन का एलान किया था। पार्टी ने सभी जिलों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह अधिक से अधिक लोगों को लेकर हजरतगंज पहुंचे। हजरतगंज चौराहे पर सुबह सात बजे से ही लोग जुटना शुरू हो गये थे। दस बजते बजते हजरतगंज चौराहे का एक हिस्सा ब्लॉक हो गया। पुलिस ने बैरीकेडिंग की थी, जिससे राजभवन की ओर कोई गाड़ी नहीं जा पा रही थी जबकि सीधे चारबाग की ओर जाने के लिए रास्ते खुले हुए थे।

नहीं दी थी प्रदर्शन की इजाजत

हजरतगंज चौराहे पर प्रदर्शन करने की परमीशन जिला प्रशासन ने नहीं दी थी। इसके बावजूद बीएसपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। देर रात बीएसपी नेताओं ने हजरतगंज अम्बेडकर प्रतिमा के सामने सीमित इलाके में धरना देने की बात कही थी। इसके लिए प्रशासन ने बैरीकेडिंग भी लगा दी थी। हालांकि इस पर कोई भी प्रशासन का अधिकारी बोलने से बचता नजर आया।

पुतला दहन के दौरान दो युवक झुलसे

बसपाइयों ने प्रदर्शन के दौरान कई बार दयाशंकर के पुतले भी फूंके। इस दौरान आग की चपेट में आने से दो युवक झुलस गये। एक की टीशर्ट में आग लग गयी। जबकि दूसरे के जूते आग की चपेट में आ गया। वहीं एक पुतला दहन के दौरान आग का गोला भीड़ के बीच जाकर गिरा। गनीमत था कि उसकी चपेट में कोई नहीं आया।

नेता विरोधी दल हुए बेहोश

वैसे तो हजरतगंज में भीड़ सुबह से ही जुटने लगी थी लेकिन बड़े नेताओं के पहुंचने का सिलसिला 10 बजे के बाद शुरू हुआ। नेताओं का भाषण शुरूही हुआ था कि गरमी से बेहाल विधानसभा में नेता विरोधी दल गयाचरण दिनकर बेहोश हो गये। भारी उमस की वजह से चौराहे पर लगातार खड़े रहना भी मुहाल हो रहा था। यही कारण था कि वक्त से पहले ही दूसरे जिलों से आये बसपा कार्यकर्ता वापस जाने लगे।

पर उम्मीद के मुताबिक नहीं जुटी भीड़

बीएसपी की ओर से बुधवार की शाम को ही एलान कर दिया गया था। सभी जिलों के बीएसपी नेताओं को निर्देशित किया गया था कि जो जहां भी है वह सीधे लखनऊ के लिए कूच करे। पार्टी के 1100 कोओर्डिनेटर्स को कम से कम दो-दो फोर व्हीलर में लोगों को लेकर पहुंचने के निर्देश दिये गये थे। प्रशासन को भी उम्मीद थी कि 25 से 30 हजार लोग हजरतगंज में जुट सकते हैं। लेकिन उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुट सकी।

दयाशंकर की पत्नी भी कराएंगी एफआईआर

बीएसपी कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी व बेटी के खिलाफ अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं पर अब कानूनी कार्रवाई की खतरा मंडरा रहा है। दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने बीएसपी नेताओं व कार्यकर्ताओं की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। स्वाति ने मायावती से पूछा कि क्या वे अब अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगी। स्वाति ने बताया कि बीएसपी के नेताओं व कार्यकर्ताओं की हरकत से उनका पूरा परिवार दहशत में है।