- लिफाफे और कम्बल दिए जाने के नाम पर जुटाई भीड़

- कार्यकर्ताओं के बीच जमकर चली कुर्सियां

आगरा। बसपा सुप्रीमो मायावती का 60वां जन्मदिवस शुक्रवार को जीआईसी ग्राउंड में हजारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में मनाया गया। इस समारोह में नेताओं की मौज रही, उन्होंने चम्मचों से केक खाया तो वहीं कार्यकर्ता लड्डू न मिलने से आक्रोशित हो गए, उनके बीच जमकर कुर्सियां फिंकीं। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल भी हो गए।

भाजपा व सपा पर बोला हमला

बसपा सुप्रीमो मायावती के शासन को सुशासन का नाम देते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील कुमार चित्तौड़ ने कहा सपा शासन में गुंडों का राज चल रहा है। वहीं भाजपा लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है। पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन ने कहा कि भाजपा के लिए तो जरूर अच्छी दिन आ गए हैं, लेकिन जनता के अच्छे दिन नहीं आए। प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही परिवार की सरकार सारी योजनाओं को सैफई ले जा रही है। इस दौरान बसपा विधायक गुटियारी लाल दुबेश ने कहा कि बस ये समझो की बसपा की सरकार आ गई। अभी से जुट जाना चाहिए। वहीं विधायक डॉ। धर्मपाल सिंह ने कहा कि ओलावृष्टि का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिल सका है। दूसरी फसल आने को है, लेकिन किसान अभी तक मुआवजे को तरस रहे हैं।

तो क्या ऐसे होगा मिशन पूरा

बसपा वर्ष 2017 होने वाले विधानसभा चुनाव के मिशन में लगी है। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर क्या मिशन पूरा होगा। कार्यक्रम के दौरान उनके वोटों से जीतने वाले और संगठन के नेताओं के बीच इतनी दूरी देखने को मिली, जिसकी उम्मीद तक नहीं थी। प्रेम नगर निवासी मेवाराम और गब्बर विधायकों से मिलना चाहते थे, लेकिन उनकी सुरक्षा में लगे वॉलिंटियर्स ने उन्हें नहीं मिलने दिया। धक्के मार कर उन्हें हटाया जा रहा था, जिसका कार्यकताओं ने विरोध भी किया, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। कार्यकर्ताओं की आवाज को वहां पर कोई सुनने वाला नहीं था। तो क्या ऐसे ही बसपा मिशन 2017 को पूरा करेगी। पांचवी बार मायावती को मुख्यमंत्री बनाए जाने का सपना देख रही बसपा क्या कार्यकताओं के बगैर पूरा कर पाएगी।

कम्बल और लिफाफे के बहाने जुटाई भीड़

हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ में से लोगों का कहना था कि उन्हें कम्बल देने के लिए बुलाया है। आर्थिक मदद के लिए लिफाफा दिए जाने को भी कहा था, लेकिन इसमें झूठ भी नहीं है, जो बात कहकर उन्हें बुलाया गया था, उसे वे पूरा भी कर रहे थे, बाद में अव्यवस्था का हवाला देते हुए विधानसभावार बांटे जाने का आश्वासन दिया, जिससे कार्यकर्ता काफी नाराज दिखाई दिए।

एक विधानसभा में दस कम्बल देने का लक्ष्य

मंच से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील कुमार चित्तौड़ ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में 20-20 लोगों को कम्बल दिए जाएंगे। उन्होंने आर्थिक मदद के लिए लिफाफे भी दिए जाने की बात कही, लेकिन बाद में उन्हें नहीं दिए गए। वे मायूस होकर वापस लौट गए। मायावती के जन्म दिवस पर पांच किलो का केक काटा गया। मंच पर मौजूद सभी नेताओं ने अपने बीच में ही बांट कर केक को समाप्त कर दिया।

बसपाइयों को कह दिया सपाई

बसपाइयों का कहना था कि पार्टी के इतने जिम्मेदार नेता होते हुए सुनील कुमार चित्तौड़ को ये बात नहीं कहनी चाहिए थी कि वे सपाई हैं। खुद कोई व्यवस्था कर नहीं सके हैं। कार्यकर्ताओं को लड़ाने का काम पार्टी के नेता कर रहे हैं और बसपाइयों को सपा के कार्यकर्ता बताया जा रहा है। असल में लड्डू वितरण के दौरान कार्यकर्ताओं में जमकर कुर्सी फिंकाई हुई। इसी वक्त मंच से सुनील कुमार चित्तौड़ ने पुलिस से कहा कि बसपाइयों के बीच में सपा के लोग आ गए हैं, इन्हें पकड़ लो। वहीं उन्होंने मंच ये भी अपील की कि परिसर में मौजूद सभी लोग इन्हें पकड़कर थाने ले जाएं, वो तो गनीमत रही कि विषय और नहीं बड़ा वर्ना बड़ा हंगामा हो सकता था।

ये थे मौजूद

कोऑर्डीनेटर सुनील कुमार चित्तौड़, पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय, विधायक ठाकुर सूरजपाल, डॉ। धर्मपाल सिंह, कालीचरण सुमन, पूर्व विधायक नारायण सिंह सुमन, बीरू सुमन आदि मौजूद थे।

माया का जन्मदिन जनता के लिए बना परेशानी का दिन

बसपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का जन्म दिन शहर की जनता के लिए परेशानी का दिन साबित हुआ। जीआईसी ग्राउंड में जन्म दिवस को मनाने जनपदभर से आए कार्यकर्ताओं के वाहनों के कारण जगह जगह जाम लग गया। घंटों लोग जाम के झाम से जूझते रहे। इस जाम में कई मरीज फंस गए। बमुश्किल लोगों को जाम से निजात मिल सकी।