- नियुक्ति की मांग को लेकर बीटीसी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

LUCKNOW : राजधानी के हजरतगंज स्थित बीजेपी प्रदेश मुख्यालय का बीटीसी बैच-2013 के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर घेराव किया। इस दौरान 12460 सहायक अध्यापकों की नियुक्तियों की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की गई और शंख बजाकर ध्यानाकर्षित करने का प्रयास किया गया।

पुलिस से धक्का-मुक्की

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों की बीच धक्का-मुक्की भी हुई। अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 15 दिसंबर 2016 को बेसिक शिक्षा विभाग में 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती का शासनादेश जारी किया गया था। साथ ही कहा गया कि उनकी काउंसिलिंग प्रक्रिया 18 से 20 मार्च 2017 को हो गयी थी। भर्ती प्रक्रिया में केवल नियुक्ति पत्र वितरित किया जाना रह गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक तुरंत हटाये।

नियुक्ति पत्र को लेकर कर रहे प्रदर्शन

बीटीसी डिग्री धारक धमेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दिसंबर 2016 को 12460 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। जिसमें बीटीसी डिग्री धारक 18 से 20 मार्च 2017 को आयोजित सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए। सफलतापूर्वक टीईटी पास करने के बाद जनपदवार चयन सूची तैयार की गई। पर मार्च 2017 में नई सरकार ने इस पर रोक लगा दी और पूरी भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करने की बात कही। पर एक साल बाद भी इसकी समीक्षा पूरी नहीं हो सकी है। जिस कारण से चयनित बीटीसी डिग्री धारकों को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया गया है।

कोर्ट का आदेश भी दरकिनार

बीटीसी डिग्री धारक विजय यादव ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्पेशल अपील डिफेटिक्व संख्या 365भ्/2017 में सुनवाई करते हुए आदेश में कहा था कि राज्य सरकार भर्ती की चयन प्रक्रिया में बीटीसी 2013 बैच के लिए क्वालिटी प्वॉइंट्स निर्धारित करते हुए चार सप्ताह में चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को निर्णय ले। हाईकोर्ट की दी गई समय सीमा छह फरवरी 2018 को समाप्त हो गई। पर इसके बाद अभी तक हमारे नियुक्ति पत्र नहीं जारी किए गए।

आज बेसिक डायरेक्टर का घेराव

भाजपा कार्यलय के बाहर प्रदर्शन कर रहे बीटीसी अभ्यार्थियों ने अब आरपार की लड़ाई का मूड बना लिया है। वह शुक्रवार को इसी कड़ी में निदेशक बेसिक शिक्षा कार्यलय का घेराव करने साथ ही वहां तालाबंदी करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, वह आंदोलन बंद नहीं करेंगे।