- बीटीसी 2013 में आयी मुश्किलों के बाद नई कवायद में जुटा विभाग

- सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने नए सिरे से शासन को भेजा प्रस्ताव

ALLAHABAD: बीटीसी प्रशिक्षण हासिल करने की ख्वाहिश रखने वाले अभ्यर्थियों की एक बड़ी मुश्किल शीघ्र ही दूर हो जाएगी। वर्ष ख्0क्फ् सत्र में प्रवेश के दौरान अभ्यर्थियों को दस जिलों में आवेदन करने की बाध्यता को नए सत्र से खत्म करने की तैयारी है। इसके लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेज भी दिया गया है। सिर्फ अब शासन की उस पर मोहर लगनी बाकी है। शासन ने इस प्रस्ताव पर सहमति जाहिर कर दी तो बीटीसी के अभ्यर्थियों को इस समस्या से निजात मिल जायेगी। इसके साथ ही अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन के दौरान जिलों के विकल्प भरने के लिए जूझना भी नहीं पड़ेगा। इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से अभ्यर्थियों द्वारा दाखिले के लिए महीनों इंतजार करने और किसी भी समस्या की स्थिति में सूबे के अलग-अलग जिलों से सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय आने की समस्या भी दूर हो जाएगी।

बीटीसी ख्0क्ब्-क्भ् सत्र में लागू करने की तैयारी

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए तैयार किए गए नए प्रस्ताव को आगामी सत्र ख्0क्ब्-क्भ् से लागू करने की तैयारी है। फिलहाल इस बारे में गेंद शासन के पाले में है। नए प्रस्ताव में डायट प्राचार्यो को जिले से संबंधित कालेजों में दाखिले के लिए सभी अधिकार दिए जाने की सिफारिश भी की गई है। ऐसे में अभ्यर्थियों के नामांकन संबंधित सभी समस्याओं का समाधान अब जिलों में ही मिल जाएगा। परीक्षा नियामक की कोशिश है कि शासन से मंजूरी मिलते ही जून में विज्ञापन जारी कर ख्0क्ब्-क्भ् की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। परीक्षा नियामक ने यह पहल दो वर्ष विलम्ब से चल रही बीटीसी-ख्0क्फ् की प्रवेश प्रक्रिया से सबक लेते हुए किया है। गौरतलब है कि बीटीसी-ख्0क्फ् की करीब ख्ब्00 सीटों पर अब तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। क्क् हजार से ज्यादा अभ्यर्थी अभी तक नामांकन की बाट जोह रहे हैं। परीक्षा नियामक अभी भी तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए जूझ रहा है। इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने बीटीसी ख्0क्ब्-क्भ् में कॉलेज प्रबंधकों को विज्ञापन निकाल कर नामांकन के लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव शासन भेजा था लेकिन सहमति नहीं बनी थी। शासन चाहता है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत दाखिले की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। ऐसे में शासन ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को फिर से प्रस्ताव तैयार कर भेजने का निर्देश दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने पूरे एक साल पीछे चल रही बीटीसी-ख्0क्ब् की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर चिंता भी जताई थी।