किसानों और रोजगार पर विशेष ध्यान

नए बजट में किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखने का दबाव वित्त मंत्री पर था। उनके सामने सूखा ग्रस्त इलाकों में लोगों को रोजगार दिलाने की भी चुनौती है। बीते साल बारिश ना होने की वजह से सूखे की मार झेल रहे कई राज्यों में किसानों को राहद देने के लिए वित्त मंत्री को ठोस कदम उठाने पड़ेगा। बजट को अंतिम रूप देने से पहले सरकार ट्रेड यूनियन, अर्थशास्त्रियों, उद्योग प्रतिनिधियों और सामाजिक क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संबंद्घ पक्षों के साथ परिचर्चा करती है एवं उनके सुझाव सुनती है।

आप भी दे सकते हैं आम बजट में सुझाव

केन्द्र सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आम जनता से राय मांगी थी। बजट तैयार करने से पहले उसमे लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया। माईजीओवी डॉट इन पर मिलने वाले सभी विचारों और प्रस्तावों को बजट में शामिल किया गया था। बजट के लिए भी माईजीओवी डॉट इन पोर्टल पर सुझाव दिए जा सकते हैं।

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