हर वर्ग के लिए होगा अलग हेल्थ इंश्योरेंस

नई पॉलिसी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम तीन प्रकार की होंगी। पहली स्कीम में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा। इसे 'कल्याण स्कीम' का नाम दिया जाएगा। दूसरी स्कीम, 2 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों के लिए होगी। इसका नाम 'सौभाग्य स्कीम' होगा। इसके साथ ही 2 लाख से ज्यादा आमदनी वाले सभी वर्गों के लिए 'सर्वोदय स्कीम' लाई जा सकती है।

बजट 2018 : हर व्‍यक्ति को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने की तैयारी में मोदी सरकार

ओपीडी भी कवर होगा हेल्थ इंश्योरेंस में

गरीबों का प्रीमियम सरकार भरेगी

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले और 2 लाख से कम आमदनी वालों का प्रीमियम सरकार भरेगी। 2 लाख तक और उससे ज्यादा आमदनी वाले लोगों से बीमा का प्रीमियम लिया जाएगा। हालांकि, यह रकम मामूली होगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इंटरनल सर्वे में पाया गया है कि देश में करीब 70 परसेंट लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं है। ऐसे में बीमार होने के बाद लोगों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं होने के कारण वे इलाज से वंचित रह जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार सभी को स्वास्थ्य बीमा देना चाहती है।

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बिल्डिंग रहते हुए रेंट पर चल रहा प्राइमरी हेल्थ सेंटर

52 परसेंट कर्मचारियों को नहीं मिलता हेल्थ इंश्योरेंस

- हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम की सर्वे रिपोर्ट में भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

- करीब 52 परसेंट कर्मचारियों ने खुलासा किया है कि उनकी कंपनी इस तरह की कोई योजना नहीं चलाती है।

- जबकि बाकी बचे कर्मचारियों में से 62 परसेंट का कहना है कि कंपनी की मौजूदा हेल्थ स्कीम्स में सुधार की जरूरत है।

- एफएमसीजी, मीडिया, आईटी बेस्ड सर्विसेज और रीयल एस्टेट समेत अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सर्वे में शामिल किया गया है।

- इसके अनुसार, कॉरपोरेट हेल्थ स्कीम को अपनाकर इंडियन इंडस्ट्री कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर में एक परसेंट की कमी लाकर 2018 में 20 अरब डॉलर की बचत कर सकती है।

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पंचकर्म चिकित्सा में नहीं होगी पैसों की परेशानी

केंद्र 60 परसेंट और राज्य 40 परसेंट वहन करेंगे खर्च

- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बजट में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने वाली है।

-  इससे किसी तरह की बीमारी होने पर उसको इलाज मिलने में परेशानी नहीं होगी।

- मोदी सरकार की इस योजना के अन्तर्गत निजी बीमा कंपनियों को अहम भूमिका मिल सकती है।

- सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट बनाकर हेल्थ इंश्योरेंस देने पर भी विचार किया जा रहा है।

- हेल्थ इंश्योरेंस सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम के तहत दिया जाएगा। इसमें कुल खर्च का 60 परसेंट केंद्र और 40 परसेंट हिस्सा राज्य वहन करेंगे।

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हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले जरूर जानें ये बातें

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