- मसूरी कार्निवाल में एक करोड़ खर्च का अनुमान

- अब तक केवल 20 लाख रुपए की स्वीकृति मिल पाई

- आचार संहिता लागू होना भी कार्निवाल में बन सकता है रोड़ा

DEHRADUN: पिछले तीन सालों से हिल क्वीन में आयोजित होने वाले विंटर कार्निवाल पर इस बार संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह बजट का अभाव व विधानसभा चुनाव को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू होना माना जा रहा है। ऐसी संभावनाओं पर मसूरी कार्निवाल के दर्शकों व मसूरी व्यवसाइयों में मायूसी है। इधर, इस बारे में शुक्रवार शाम को डीएम की अध्यक्षता में बैठक होनी है। जिसमें कार्निवाल के आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा संभव बतायी जा रही है।

तीन सालों से हो रहा कार्निवाल

ख्0क्फ् की आपदा के बाद पर्यटकों की आमद को बढ़ाने के लिए ख्0क्फ् में पहली बार मसूरी कार्निवाल का आयोजन किया गया था। शुरुआत के बाद तब से लेकर अब तक यानि तीन सालों तक मसूरी में लगातार कार्निवाल का आयोजन होता रहा। जिसमें बॉलीवुड के सितारों के अलावा राज्य के तमाम कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। शुरुआत में तो बॉलीवुड अभिनेता टॉम अल्टर ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा कार्निवाल में एडवेंचर स्पो‌र्ट्स, दौड़ व मसूरी पर आधारित प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। जिसमें पर्यटकों के अलावा देहरादून, मसूरी व आस-पास के लोग कार्निवाल को देखने के लिए पहुंचते हैं।

क्0 लाख मसूरी पालिका से मंजूर

हर साल ख्भ् दिसंबर से फ्क् दिसंबर तक छह दिनों के कार्निवाल में इस बार होने वाले आयोजन पर बादल मंडराते दिख रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बजट की कमी और सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होना बताया जा रहा है। मसूरी कार्निवाल में करीब एक करोड़ रुपए तक का खर्चा होना बताया जा रहा है। बदले में अब तक कार्निवाल आयोजन समिति को ख्0 लाख रुपए की ही मंजूरी मिली है। जिसमें क्0 लाख मसूरी नगर पालिका और क्0 लाख रुपए टूरिज्म विभाग से स्वीकृत हुए हैं।

नहीं दिख रही दिलचस्पी

सूत्रों की मानें तो बजट की व्यवस्था न होने से कार्निवाल आयोजन समिति के अधिकारी भी इस बार कार्निवाल न कराने के मूड में हैं। बताया जा रहा है कि कार्निवाल के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन से पर्यटन सचिव तक पत्राचार हो रहा है। लेकिन आखिर में राय नहीं बन पा रही है। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार दिसंबर के आखिरी सप्ताह में आचार संहिता लागू होने की संभावनाओं पर चीफ गेस्ट के तौर पर पॉलिटिकल व्यक्ति को भी आमंत्रित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब राजनीतिक लोग भी इस आयोजन के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।