- राष्ट्रपति ने अपने भाषण में किसानों की मुश्किलों की बात पर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं की चर्चा की। सरकारी योजनाओं के तहत खेती में होने वाले खर्चों को घटाने की बात भी कही। किसानों से जुडी़ हर समस्या का हल निकालना सरकार का मुख्य काम बताया।

- कुल 99 सिंचाईं परियोजनाएं सालों से लटकी हुईं हैं जिनको पूरा करने का काम प्रगति पर है। दालों के उत्पादन को लेकर सरकार ने कई नीतियां बनाईं जिनके चलते पिछले वर्ष के मुकाबले दाल उत्पादन में लगभग 38 फीसदी की बढो़तरी हुई है।

- देश में लगभग 275 टन से अधिक फसलों की पैदावार की बात कही। फलों और सब्जियों की बात की जाए तो 300 मिलियन टन उत्पाद का इजाफा हुआ है।

- किसानों को फसल पैदावार के आधार पर फसलों का उचित दाम मिल सके, इसके लिए कृषि मंडियों को आनलाइन जोड़े जाने का काम तेजी से हो रहा है। eNAM पर 36 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कृषि व्यापार किया जा चुका है। इससे 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।   

- उर्वरकों के बंद पडे़ कारखानों को फिर से खोलने की बात कही। यूरिया के उत्पादन में भी बढो़तरी हुई है। ये सब सरकारी नीतियों के कारण ही संभव हो सका है। सरकार की नीतियों की वजह से यूरिया की कालाबाजारी पर भी रोक लगाई जा सकी है।

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