भारत के हरियाणा राज्य में ऐसी कैटवॉक होने वाली है जिसमें क़रीब 30 भैंसों को रैंप पर चलाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि भैंसों की कैटवॉक के लिए अलग तरह की डिज़ाइन वाली रैंप बनाई जा रही है।

इस कैटवॉक का मकसद भैंसों की एक खास नस्ल और ज़्यादा दूध देने की क्षमता के बारे में लोगों को जागरुक करना है। भैंसों की ये ख़ास नस्ल मुर्रा कहलाती है और उनकी मांग काफ़ी ज़्यादा है।

मुर्रा भैंसों को पालने वाले लोगों के लिए ये सामाजिक हैसियत की बात भी होती है। मुर्रा भैंसों की ये स्पेशल कैटवॉक हरियाणा के जींद शहर में 22 फ़रवरी को होनेवाली है जिसके लिए भरपूर तैयारी की जा रही है।

शर्मीले स्वभाव वाली भैंसों की पहचान

भैंसों की कैटवॉक के लिए सुरक्षा का ख़ास ख़्याल रखा जा रहा है क्योंकि भीड़ देखकर इनका व्यवहार असामान्य भी हो सकता है। हरियाणा पशुपालन विभाग के महानिदेशक केएस डांगी कहते हैं,''रैंप के दोनों तरफ़ हम बाड़े लगाएंगे और भैंसों के मालिकों से कहा जाएगा कि वो रैंप पर उनके साथ चलें.''

उन्होंने ये भी बताया कि कैटवॉक से एक दिन पहले रिहर्सल के लिए 70 भैंसों को बुलाया गया है। केएस डांगी ने कहा,''रिहर्सल के दौरान हम शर्मीले स्वभाव वाली भैंसों की पहचान करेंगे ताकि कैटवॉक वाले दिन उन्हें हिस्सा लेने से रोक सकें जिससे कि कोई जोखिम न पैदा हो। हम कैटवॉक में हिस्सा लेने के लिए 30 भैंसों का चुनाव करेंगे.''

मुर्रा भैंस

पशुपालन विभाग के महानिदेशक डांगी ने ये भी बताया कि कैटवॉक के दौरान भैंसों का सम्मान करने के लिए उनपर फूल बरसाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि भैंसों की कैटवॉक देखने के लिए क़रीब 25 हजार लोगों के आने की संभावना है।

इस आयोजन का उद्घाटन भारत के कृषि मंत्री शरद पवार करेंगे। मुर्रा नस्ल की भैंसों की ज़्यादा दूध देने की वजह से भारी मांग रहती है और सामान्यत: इनकी कीमत एक लाख रुपए से ढाई लाख रूपए के बीच होती है। लेकिन माना जाता है कि मुर्रा भैंसें बेहद शर्मीले स्वभाव की होती हैं और इन्हें पालने वाले ग्रामीण आमतौर पर इन भैंसों को भीड़ और गीत-संगीत वाले माहौल से दूर ही रखते हैं।

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