- ट्यूजडे को कार्यकारिणी के चुनाव के दौरान दो कार्यक्रम शेड्यूल हुए थे जारी

- मेयर ने कहा सपा पार्षद की मांग पर बढ़ाया गया समय, सपा पार्षद ने किया इनकार

BAREILLY:

नगर निगम कार्यकारिणी में न्यूनतम विपक्ष या यूं कहें कि न्यूनतम विरोध का फार्मूला लागू करने के लिए सनसनीखेज हथकंडे अपने गए। दरअसल, ट्यूजडे को कार्यकारिणी के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक में कार्यवाही के दौरान दो तरह के कार्यक्रम तैयार किए गए। '2018 हेतु कार्यकारिणी सदस्यों के निर्वाचन का कार्यक्रम दिनांक 23.01.2018' के शीर्षक से हूबहू छपे इन दो कार्यक्रमों महत्वपूर्ण अंतर था। एक कार्यक्रम में नामांकन करने यानि पर्चा दाखिल करने का समय दोपहर 12:30 से 1:00 बजे का जबकि दूसरे कार्यक्रम में यह समय 11:30 से 12:00 बजे प्रकाशित किया गया। पहला कार्यक्रम अंदर बंद सदन में सभासदों को बांटा गया, जबकि दूसरे कार्यक्रम के पर्चे को नियमानुसार सदन के बाहर सार्वजनिक सूचना कि लिए नगर निगम की दीवार पर चस्पा किया गया।

मतलब यह कि सार्वजनिक किए गए कार्यक्रम के अनुसार सदन के भीतर हुए किसी भी नामांकन को समय गुजर जाने के नाम पर रद किया जा सकता था और हुआ भी यही। समाजवादी पार्टी के सभासद मोहम्मद यामीन का पर्चा खारिज कर दिया गया। आरोप लगा कि उसे मामूली ओवर राइटिंग के चलते जानबूझकर खारिज किया गया। सपा पार्षदों के अनुसार तब दोपहर के 12:40 बजे थे। उन्हें दिए गए कार्यक्रम के अनुसार पर्चा भरने के लिए 20 मिनट बचे हुए थे। सूत्रों के अनुसार इस दौरान सपा पार्षद राजेश अग्रवाल ने दूसरा नामांकन आवेदन पत्र (पर्चा) देने को कहा लेकिन इनकार कर दिया गया। कहा गया कि एक प्रत्याशी को दोबारा पर्चा नहीं दिया जाएगा। इस पर राजेश अग्रवाल ने फौरन ही दूसरे प्रत्याशी के लिए नया पर्चा देने को कहा, लेकिन इससे भी इनकार कर दिया गया। इस पर सपा पार्षदों और मेयर के बीच बहस भी हुई।

सपा का आरोप है कि इस मामले दो तरह के कार्यक्रम इसलिए ही बांटे गए, ताकि जब चाहे समय समाप्त होने की बात कहकर सपा के किसी नए प्रत्याशी को पर्चा देने से इनकार किया जा सके। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास दोनों तरह के कार्यक्रमों की कॉपी व अन्य ऑडियो रिकॉर्ड मौजूद हैं।

मीटिंग का टाइम सुबह 11 बजे का था, लेकिन वह शुरू हुई 11.25 बजे। पहली मीटिंग थी, जब मीटिंग ही 11.25 बजे शुरू हुई तो मीटिंग का समय पहले ही आगे बढ़ गया। समय आगे बढ़ने की डेट सपा के अब्दुल कय्यूम मुन्ना ने उठाई। जिस पर हमने कहा कि इसे चेंज करा देते हैं। दिए गए समय के मुताबिक जब समय पर सारे सदस्य ही नहीं आए हैं तो टाइम आगे बढ़ाने की मांग खुद अब्दुल कय्यूम मुन्ना ने ही उठाई थी, उनसे पूछिए।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर

शेड्यूल में समय बढ़ाने की मांग हम क्यों करेंगे। सुबह 11 बजे की मीटिंग थी हम तो 10.45 बजे ही मीटिंग हॉल में पहुंच गए थे। सुबह 11.25 बजे महापौर जी बोर्ड हॉल में दाखिल हुए। जैसे वह बैठे हमने इस पर एतराज किया कि 11 बजे की मीटिंग थी और खुद मेयर 11.25 बजे तसरीफ ला रहे हैं जो कि बोर्ड का भी अपमान है और माननीय पार्षदों का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि आगे से इसका ध्यान रखेंगे। हमने शेड्यूल चेंज करने की कोई मांग नहीं की थी।

अब्दुल कय्यूम मुन्ना, पार्षद

दो शेड्यूल जारी हुए हैं इसकी मुझे जानकारी ही नहीं थी। इसका पता तब चला जब नगर निगम की दीवार पर चस्पा कार्यक्रम की फोटो देखी। जिसे सदन के अंदर हमें जो शेड्यूल मिला था उससे मिलान किया तो दोनों के टाइम में अंतर मिला। इससे पहले यही बैठक 6 जनवरी को होना प्रस्तावित थी जो बिना सदन में आए निरस्त कर दी गई और ट्यूजडे को सदन में क्या हुआ यह फिर बताने की जरूरत नहीं है।

राजेश अग्रवाल, नेता, सपा पार्षद दल