स्लग: 10 परसेंट बढ़ा कंस्ट्रक्शन कॉस्ट, 30 परसेंट घटे फ्लैट के कस्टमर

-पहले आठ फ्लैट की एक यूनिट बनाने में खर्च होते थे एक करोड़ तीस लाख, अब होते हैं एक करोड़ 54 लाख

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RANCHI (18 Nov): जीएसटी ने राज्य के बिल्डरों की बैंड बजा दी है। बिल्डिंग मैटेरियल पर औसतन क्भ् परसेंट की दर से जीएसटी लगने से जहां कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ा है, वहीं कीमतें बढ़ने से फ्लैट के खरीदार भी घटे हैं। बिल्डरों ने बताया कि पहले आठ फ्लैट की एक छोटी यूनिट बनाने का खर्च एक करोड़ तीस लाख रुपए आता था जो अब बढ़कर एक करोड़ भ्ब् लाख हो गया है। जीएसटी लगने से बिक्री घट गई है, क्योंकि कस्टमर टर्न अप नहीं हो रहे हैं।

सारे सामान महंगे

राजधानी के बिल्डर कुंदन सिंह ने बताया कि जीएसटी लगने से पहले एक ट्रक एक नंबर ईट क्ख्,000 रुपए में मिल जाती थी। अब उसका रेट क्ब्-क्भ् हजार रुपए हो गया है। वहीं कोणार्क सीमेंट की जो बोरी ख्म्0 रुपए में मिलती थी, वो अब फ्ख्0 रुपए की आ रही है। इसी तरह बालू पहले क्ख् रुपए सीएफटी था, जो अब क्ब् रुपए हो गया है। इसी तरह गिट्टी के दाम जो पहले प्रति ट्रक फ्900 रुपए थे, वो अब ब्भ्00 रुपए हो गए हैं। इसके अलावा भ्ब् रुपए किलो छड़ अब म्ख् रुपए हो गया है। इसी तरह पेंट, प्लाईवुड और अन्य चीजों के दाम भी बढ़े हैं और हमारा ओवरऑल कंस्ट्रक्शन कॉस्ट दस प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है।

कस्टमर्स पर भी असर

क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा ने बताया कि जीएसटी लगने से बिल्डरों पर तो असर पड़ा ही है खरीदार पर ज्यादा असर पड़ा है। पहले क्ख्00 स्कवायर फीट का फ्लैट सर्विस टैक्स के साथ भ्0 लाख में मिल जाता था अब जीएसटी के साथ यह भ्क् से साढ़े इक्वायन लाख में आ रहा है। यानी एक से डेढ़ लाख रुपए खरीदार को ज्यादा देने होंगे। वहीं पुराने प्रोजेक्ट जो जीएसटी से पहले शुरू हुए थे उनमें दिक्कत आ रही है। पर इन परेशानियों को दूर करने के लिए क्रेडाई सरकार से पत्राचार कर रहा है।

कांट्रैक्टर की बढ़ी परेशानी

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया ने बताया कि जीएसटी लागू होने से बिल्डर्स और कांट्रैक्टर्स की परेशानी बढ़ी है। बिल्डर्स का कहना था कि उनका ओवरऑल कंस्ट्रक्शन कॉस्ट दस प्रतिशत तक बढ़ गया है। वहीं जो पुराने प्रोजेक्ट थे उनका कॉस्ट भी बढ़ गया है। हाल यह है कि जितना बड़ा प्रोजेक्ट उतना ज्यादा लॉस। ऐसे में चैंबर ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से मांग की है कि जीएसटी लागू होने से पहले शुरू हुए प्रोजेक्टस में जीएसटी लागू न की जाए।