दौराला महायोजना में एमडीए ने शासन से मांगी गाइडलाइन

एमडीए ने वसूली के लिए 11 बिल्डर्स को भेजे हैं नोटिस

Meerut : दौराला महायोजना में 11 बिल्डर्स से लगभग 42 करोड़ रुपये की वसूली पर पेंच फंसता नजर आ रहा है। एक ओर बिल्डर्स रकम देने के लिए तैयार नहीं है तो वहीं मेरठ विकास प्राधिकरण ने पूरे प्रकरण पर शासन से राय मांगी है। बता दें कि लैंडयूज परिवर्तन के बदले प्राधिकरण ने दौराला महायोजना में बनी 16 आवासीय योजनाओं को अवैध करार देते हुए निर्माणकर्ता 11 बिल्डर्स को पिछले दिनों करोड़ों रुपए का नोटिस जारी किए हैं।

जरा समझ लें

मेरठ के दौराला में 16 कालोनियों के मानचित्र वर्षो पहले स्वीकृत हुए थे। कृषि भूमि पर बसाई गई इन कालोनियों के शासन ने मानचित्र तो रद नहीं होंगे किंतु लैंडयूज चेंज कराने के आदेश दिए। शासन के इस निर्देश के बाद एमडीए ने 16 कालोनियों को विकसित करने वाले 11 बिल्डरों को 41 करोड़ 89 लाख 88 हजार रुपये जमा करने का नोटिस जारी कर दिया है। पिछले दो माह से चल रही इस प्रक्रिया में एमडीए के अफसर बिल्डर्स द्वारा बनाए जा रहे राजनैतिक और व्यक्तिगत दोनों दबाव झेल रहे थे।

बिल्डर्स ने जताया विरोध

एमडीए द्वारा नोटिस दिए जाने का बिल्डर्स विरोध जता रहे हैं। बिल्डर्स ने एक प्रत्यावेदन प्राधिकरण के अधिकारियों को दिया है जिसमें उन्होंने वसूली नोटिस को गैरवाजिब करार देते हुए उस कानून का हवाला दिया है जिसमें लैंडयूज चेंज होने पर किसी भी तरह की धनराशि की अदायगी का प्रावधान नहीं है। वहीं दूसरी ओर बिल्डर्स का कहना है कि लैंडयूज परिवर्तन शुल्क प्राधिकरण तत्कालीन 2008 और 2013 के बीच के सर्किल रेट्स के आधार पर चार्ज करें। क्योंकि इसी अवधि में कॉलोनियों का निर्माण हुआ है। प्राधिकरण चाहें तो परिवर्तन शुल्क पर ब्याज ले ले। प्रकरण उलझता देख एमडीए ने शासन को प्रत्यावेदन देकर राय मांग ली है।

दौराला महायोजना में लैंडयूज परिवर्तन शुल्क बिल्डर्स को देना होगा। शासन के निर्देशों के अनुपालन में ही परिवर्तन शुल्क का नोटिस 11 बिल्डर्स को जारी किया गया है। बाद इसके एक बार फिर शासन से राय मांग ली गई है। शासन के निर्देशों का अनुपालन होगा।

-साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए