JAMSHEDPUR: लौहनगरी में रियल स्टेट रेगुलेशन एंड डेवलोपमेंट (रेरा) और 12 प्रतिशत जीएसटी का अतिरिक्त बोझ बढ़ने से बिल्डरों ने बीच में ही काम रोक दिया है। इससे शहर में हजारों की संख्या में अधूरे फ्लैट पड़े हुए हैं। इन फ्लैटों को खरीदने के लिए मोटी रकम दे चुके लोग समय से मकान न मिलने से परेशान हैं। जबकि बिल्डर्स जल्द से जल्द फ्लैट देने की हामी भर रहे हैं।

बिल्डर्स कर रहे मनमानी

शहर में रियल स्टेट कारोबारी ग्राहकों से पार्किंग, जेनरेटर, हाइड्रेंट फायर सेफ्टी, सीसी टीवी कैमरा के नाम पर लाखों रुपये की उगाही कर रहे है। शहर में बिल्डर्स रेरा नियमों की आड़ में ग्राहकों रुपये की वसूली कर रहे हैं। आजाद बस्ती निवानी प्रदीप कुमार ने बताया कि बिल्डर्स पार्किंग के नाम पर पाच लाख रुपये की डिमांड की जा रही है। बिल्डर्स मैटेरियल में दोएम दर्जे का इस्तेमाल करते है। फ्लैट बिक्री के बाद फ्लैट के मेंटीनेंस का काम मालिक पर ही आ जाता है। जिसको देखते हुए ईट के साथ ही बालू मैटेरियल में सस्ते समान का उपयोग किया जा रहा है।

जीएसटी बना जंजाल

वसुंधरा स्टेट के मैनेजर आरएन सिंह ने बताया कि जीएसटी लगने से बिल्डिंग के निर्माण में 10 से 15 प्रतिशत कास्ट बढ़ गई है। वहीं फ्लैट खरीद पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लगने और रजिस्ट्री में 6 से 7 लाख रुपये का ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जिससे फ्लैट नहीं बिक पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डर्स की लागत नहीं निकलने से ही बिल्डिंगों का निर्माण रोक दिया गया है। इससे शहर में हजारों की संख्या में बिल्डिंगों का काम रुका पड़ा है।

बिल्डरों के पास फंसा पैसा

शहर में फ्लैट लेने के लिए ग्राहकों का अरबों रुपये लेकर बिल्डर्स ग्राहकों को फ्लैट देने में टाल मटोल कर रहे हैं। शहर में कुछ बिल्डर्स ने फ्लैट की बुकिंग के लिए ग्राहकों से पैसा तो ले लिया है, लेकिन उसका अभी तक निर्माण भी शुरू नहीं किया गया है। इससे फ्लैटों का मिलना न मिलना भगवान भरोसे ही है।

ग्राहकों की मर्जी के बिना ही बदला निर्माण

शहर के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फ्लैटों में बिना ग्राहकों के मर्जी के ही बदलाव किया जा रहा है। ऐसे कई मामले प्रकाश में आए जब ग्राहकों को एग्रीमेंट मे दिए जाने वाले स्पेस को नापने पर कम मिला जहां पर बिल्डर्स बिल्डिंग डिजाइन का हवाला देकर ग्राहकों को चपत लगा रहे हैं। जिसको लेकर ग्राहक परेशान है। इस तरह ग्राहकों को निर्धारित स्पेस से कम का ही फ्लैट मिल रहा है।

कीमतें आसमान पर

शहर के सोनारी निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि बिल्डिर्स नियम कानूनों की आड़ में 5 से 10 लाख रुपये तक मंहगे फ्लैट बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर में बिना सर्किल रेट के ही फ्लैटों की बिक्री की जा रही है। प्राइम लोकेशन के साथ ही आउट लोकेशन में भी पांच से 10 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की जा रही है। जिसके चलते भी ग्राहकों के लिए फ्लैट खरीदना मुश्किल हो रहा है।

शहर में बिल्डिंग मैटेरियल में वृद्धि और जीएसटी लगने के चलते फ्लैटों की बिक्री में कमी आई है। इसको देखते ही शहर में कंस्ट्रक्टशन बंद है। अगर ऐसा रहा तो आगे भी बिल्डर्स कंस्ट्रक्टशन व‌र्क्स को बंद ही रखेंगे।

-विनोद कुमार, प्रोपराइटर, द ग्रेट हनीसा बिल्डर्स डेवलपर्स

शहर में सभी बिल्डर्स को रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। यह ऑनलाइन प्रक्रिया ह, जिसकी जांच के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जो शहर में बिल्डरों के डाटा की जांच करेंगे।

-गजानंद राम, ओएसडी, रांची-जमशेदपुर