- रोडवेज बस डिपो पर यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं

- जर्जर हो चुकी है बिल्डिंग, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

GORAKHPUR: कहने को गोरखपुर यूपी रोडवेज का रीजन है। इसमें सात डिपो आते हैं लेकिन गोरखपुर मुख्यालय में स्थित रोडवेज बस डिपो पर ही पैसेंजर्स के लिए कोई सुविधा नहीं है। ऐसा लगता है कि जैसे डिपो सिर्फ बस खड़ी करने के लिए है। पैसेंजर हाल की छत इतनी जर्जर है कि इसमें बैठकर बस का इंतजार करने का मतलब है अपने गंतव्य की बजाय अस्पताल पहुंचना। कभी भी छत गिर सकती है और पैसेंजर्स हादसे का शिकार हो सकते हैं।

66 साल से रिपेयरिंग तक नहीं

यह जानकार आप हैरान हो जाएंगे कि 1950 में बने गोरखपुर डिपो की बिल्डिंग की 66 साल के दरम्यान मरम्मत तक नहीं हुई। स्टेशन मैनेजमेंट ने कई बार रिपेयरिंग के लिए हायर अथॉरिटीज को लेटर लिखा लेकिन डिपो के दिन नहीं बहुरे। वर्तमान हालात को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि हाल के दिन में अभी मरम्मत होगी।

हो चुके हैं हादसे

करीब दो साल पहले बस पैसेंजर रामध्यान यात्री हॉल में बैठकर ठूठीबारी के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। तभी यात्री हॉल की छत का प्लास्टर गिर गया। हालांकि इस घटना में वह बाल-बाल बच गए। रामध्यान के अलावा कई पैसेंजर्स हादसे का शिकार हुआ। यह तो ईश्वर का शुक्र रहा कि वे बाल-बाल बचते रहे। स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों के मुताबिक छत का प्लास्टर गिरने की सूचना उन्होंने अधिकारियों को दी। अधिकारियों ने भी इसकी रिपेयरिंग का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक काम नहीं हुआ। पैसेंजर हॉल के साथ-साथ जूनियर स्टेशन इंचार्ज के ऑफिस की छत भी खस्ताहाल है।

मुख्यालय की लापरवाही

डिपो की रिपेयरिंग का जिम्मा गोरखपुर डिपो के बिल्डिंग इंजीनियर्स पर है। इंजीनियर्स बिल्डिंग की रिपेयरिंग के लिए इस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेज चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक बजट नहीं मिला है। वहीं बिल्डिंग सेक्शन की जिम्मेदारी निभाने वाले अफसर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस्टीमेट बनाकर भेजे काफी समय हो गया, लेकिन मुख्यालय के उदासीन रवैये के चलते अब तक बजट नहीं मिला है।

रोडवेज अपने पैसेंजर्स की सुविधा व सुरक्षा के लिए तत्पर है। रोडवेज बिल्िडग व वर्कशॉप को तोड़कर नई बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा जा चुका है। बजट मिलते ही इसका निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।

एसके राय, आरएम, रोडवेज