आगरा. 25-26 अपै्रल को आए भूकंप ने न सिर्फ नेपाल और भारत कि कुछ हिस्से बल्कि सिटी के जनजीवन को भी हिला कर रख दिया. सिटी के कई एरिया भी इस भूकंप की चपेट में आ गए. कई मजबूत इमारतों में भी दरारें पड़ गई. जर्जर मकानों की हालत तो और खतरनाक हो गई है. लोगों ने उन मकानों में रहना छोड़ दिया है और मजबूरीवश जो रह रहे हैं वह जान हथेली पर रख अपना जीवन गुजार रहे हैं. बालूगंज में होटल संचालक बम धमाका कांड के बाद जिन मकानों को नुकसान हआ था उनमें रही-सही कसर भूकंप ने पूरी कर दी. इलाके के लोग अब भी दहशत के साए में जी रहे हैं.

हरे हुए धमाकों के जख्म

प्रकृति के कहर से आज हर कोई वाकिफ है. थाना रकाबगंज के बालूगंज में चार अप्रैल को होटल रिलेक्स में रात को तेज धमाका हुआ था. होटल में संचालक मंजीत सिंह का परिवार था. वह बाहर गए हुए थे. धमाके में दो बेटियों की मौत हो गई. इस धमाके में संचालक को नुकसान तो हुआ ही लेकिन उस एरिया के कई मकान इस धमाके में हिल गए थे. इस मकानों के कुछ हिस्से धमाके से उड़ गए. बाकी जो बच गया उसे भूकंप ने हिला दिया. इस घटना के बाद से लोग दहशत में हैं. उन्हें अभी तक राहत नहीं मिली है. उनका कहना था कि शिकायत प्रकोष्ठ पर फोन किया लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया.

मकानों की मरम्मत की मांग

संचालक के मकान के ठीक सामने रहने वाले 75 वर्षीय विनोद श्रीवास्तव अपनी पत्नी विजय देवी के साथ रहते हैं. धमाके में इनके मकान का आगे का हिस्सा टूट गया था. यह दम्पत्ति ऊपरी मंजिल में रहते हैं. विनोद टूटे हिस्से को ठीक कराने के जुगत में लगे थे कि 25 अपै्रल को आए भूकंप ने सारी प्लानिंग पर पानी फेर दिया. बाकी बचे मकान में भी दरार आ गई. इनके यहां पर किराएदार भी रहते हैं. इनके कमरे के साथ किराएदार के कमरे में भी दरार आ गई. अब मकान गिरने की स्थिति में बताया गया है.

छत में भी आ गई है दरार

होटल के बराबर से बने इंद्र सिंह की तो दीवार ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. भूकंप के बाद इनकी जर्जर दीवार में दरार और अधिक बढ़ गई. साथ ही छत में जो दरार आई थी वह भी बढ़ गई है. इनका कहना है कि अब मकान की हालत इतनी बेकार हो गई है कि कभी भी गिर सकता है. पीडि़त के मुताबिक इस मकान में रहना छोड़ दिया है. प्रशासन से कोई भी राहत नहीं मिली है. फोन पर भी सूचना दी गई मगर किसी अधिकारी ने सुध लेने की जहमत नहीं उठाई.

इनको भी नहीं मिली राहत

चंद कदम की दूरी पर पक्का चबूतरा के पास के पास रहने वाले शिव शंकर खण्डेलवाल की दुकान व मकान की स्थिति बिगड़ गई है. भूकंप के दौरान दो मंजिला मकान में नीचे से पड़ी दरार ऊपर तक पहुंच गई है. दुकान में भी छत झड़ गई. उसमें से मिट्टी लगातार झड़ रही है. पीडि़त का कहना है कि दुकान में बैठने में भी डर लग रहा है. मकान में परिवार रहता है उसमें भी डर बना हुआ है.