- पुलिस उलझी हत्या और आत्महत्या में, भारी कर्ज में डूबा था सर्राफा कारोबारी

-पुलिस के कई सवालों का जवाब नहीं दे सके परिजन, पास मौजूद मोबाइल और बाइक मिली गायब

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भैंसासुर घाट की सीढि़यों पर शुक्रवार को दो दिनों से लापता सर्राफा कारोबारी का अधजला शव मिला। भोर में घाट पर टहलने निकले लोगों ने सीढ़ी पर अधजला शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि मृतक मध्यमेश्वर कोतवाली का रहने वाला रमेश सेठ है। आशंका है कि रमेश की हत्याकर बदमाशों ने शव में आग लगा दिया और फरार हो गए। मौके से कारोबारी की बाइक व मोबाइल गायब थे। शक है कि हत्यारे वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक व मोबाइल लेकर भाग निकले।

ंजंसा में थी दुकान

कोतवाली के मध्यमेश्वर निवासी रामबाबू सेठ के चार बेटों में सबसे छोटे 25 वर्षीय अविवाहित बेटे सुनील सेठ की जंसा में सर्राफा की दुकान थी। बुधवार को वह घर से दुकान के लिए निकला लेकिन वहां नहीं पहुंचा। तभी से परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। शुक्रवार को पुलिस की सूचना पर मौके पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि सुनील कर्ज में डूबा था। उसकी संगत बिगड़ गई थी जिसके चलते कारोबार भी ठप हो गया था।

तो क्यों रुका था होटल में?

एसओ आदमपुर अजीत मिश्र ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि सुनील गुरुवार को घर के समीप मैदागिन क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरा था। इस बाबत जब परिजनों से पूछा गया कि घर के नजदीक होने पर भी वह घर नहीं आया तो कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस की मानें तो सुनील ने लाखों रुपये कर्ज भी ले रखा था। एसओ के मुताबिक जब शव मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो सुनील की आधी जली बेल्ट, एक पैर का मोजा, बाइक की चाबी और उसका वोटर आईडी कार्ड मिला। वोटर आईडी कार्ड के जरिए ही उसकी शिनाख्त हुई। हत्या की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि शव जितना जला था, तत्काल मौत संभव नहीं है। हो सकता है कि गला दबाकर हत्या करने के बाद पहचान मिटाने के लिए आग के हवाले कर दिया गया लेकिन हवा के झोंके के चलते आग बुझ गई हो।