-पुलिस लाइंस में बुजुर्गो के साथ गोष्ठी का आयोजन

-यूपी 100 की ओर से बुजुर्गो को टॉर्च व कानून मटीरियल दिया

BAREILLY:

केस 1-

चार बेटे फिर भी रहती थीं अकेली

सुभाषनगर थाना अंतर्गत खालसा इंटर कॉलेज के पास 29 अगस्त 2018 को 70 वर्षीय बुजुर्ग शीला विलसन की घर के अंदर लाश मिली थी। शीला विलसन के पति रेलवे में थे। उनके चार बेटे हैं। जिनमें एक बेटा उसी मकान के दूसरे पोर्शन में रहता था, जिसमें वह रहती थीं। इसके बावजूद भी उनकी कोई देखरेख नहीं करता था। 4 दिन तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी। घर के ताले तोड़कर उनके शव को बाहर निकाला गया था।

केस 2-

मजबूरी में रहना पड़ा अकेला

भमोरा के लंगूरा गांव में 9 सितंबर को भी शीला विलसन की तरह ही 70 वर्षीय रिटायर्ड सैन्यकर्मी पुणेंद्र प्रकाश वर्मा की घर के अंदर संदिग्ध हालात में लाश मिली थी। उनके दो बेटे हैं जो नौकरी के चलते उनसे अलग मुरादाबाद में रहते हैं। उनकी पत्‍‌नी आखिरी समय में उनका सहारा थीं लेकिन उन्हें भी पैरालाइसिस हो गया तो वह भी बेटे के पास रहने चली गई थीं।

केस 3-

बीमारी से नहीं लड़ सकीं

कैंट के मदारियों की पुलिया के पास भी 9 सितंबर की सुबह 70 वर्षीय बुजुर्ग हबीबन की लाश मिली थी। हबीबन के कोई संतान नहीं थी लेकिन पड़ोस में रहने वाले देवर देखरेख करते थे। उनकी पति की भी मौत हो चुकी थी, जिसकी वजह से वह भी अकेले पड़ गई थीं। सही से देखरेख न होने और बीमारी की वजह से वह जिंदगी से हार गई। जब तक वह जिंदा थीं तब तक किसी ने सुध नहीं लेकिन बाद में प्रॉपर्टी को लेकर हक जताने वाले जरुर आ गए थे।

शहर में ऐसी दुश्वारियां झेल रहे तमाम बुजुर्गो को मदद के लिए किसी के सहारे नहीं रहना पड़ेगा। यूपी 100 के जवान उनका सहारा बनेंगे। यूपी 100 की ओर से बुजुर्गो की मदद के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत संडे को पुलिस लाइंस में यूपी 100 प्रभारी अधिकारी एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद गंगवार ने डिस्ट्रिक्ट के सीनियर सिटीजन के साथ मीटिंग की। मीटिंग में बुजुर्गो को गिफ्ट के तौर पर एक टॉर्च दी गई और उन्हें कानून का मटीरियल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा एक बुकलेट भी दी गई है, जिसमें सभी अधिकारियों के नंबर भी मौजूद हैं। ताकि कभी जरूरत पड़े तो बुजुर्ग कॉल कर सके।

बुजुर्गो के लिए बना है एक्ट

अक्सर बुजुर्गो के साथ वारदातें सामने आती हैं। कई बुजुर्ग अपने बेटे-बहुओं की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचते हैं, लेकिन पुलिस भी घरेलू मामला होने के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है, जबकि बुजुर्गो की मदद से द मेंटीनेंस एंड वेल्फेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2016 भी बना है। अधिकतर बुजुर्ग इस एक्ट के बारे में जानते ही नहीं हैं। इस एक्ट के तहत यदि कोई संतान अपने बुजुर्ग माता-पिता की मदद नहीं करते हैं, तो वह उन्हें दी हुई संपत्ति वापस ले सकते हैं। इसी लिए यूपी 100 बुजुर्गो को इस एक्ट का मटीरियल उपलब्ध करा रही है।

यूपी 100 को करना होगा फोन

पुलिस लाइंस में आयोजित गोष्ठी में करीब 200 सीनियर सिटीजन पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने उनसे उनकी प्रॉब्लम के बारे में जाना। कुछ बुजुर्गो ने अपनी समस्याएं भी बताई, जिनका समाधान किया जाएगा। बुजुर्गो को यूपी 100 की ओर से नंबर दिए गए हैं, जिससे कभी भी जरूरत पड़ने पर वह फोन कर सकते हैं। फोन करने पर उनकी समस्या का तुरंत समाधान किया जाएगा। थाने पर भी एक रजिस्टर भी सीनियर सिटीजन का रखा जाएगा। एरिया के चौकी इंचार्ज को अकेले रहने वाले बुजुर्गो के घर प्रत्येक 15 दिन में विजिट करेंगे।