RANCHI : सिटी के लोगों पर अपने रसूख के इजहार का कुछ ज्यादा ही भूत सवार हो गया है। इसके लिए दो पहिया वाहनों के सवार हर नियम को ताक पर रखकर हनक में चलते नजर आ रहे हैं। बिना हेल्मेट के गाड़ी चलाना बुलेट सवारों के लिए आम बात हो गयी है। स्कूटी और अन्य दो पहिया वाहनों के लोग तो हेल्मेट पहनने के नियम का पालन कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बुलेट वाले इस मामले में खुद को कानून से ऊपर रखकर चल रहे हैं।

हाई कोर्ट का सख्त आदेश

हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने एक दिन पहले ही सिटी में वाहनों के चलने को लेकर सख्त आदेश दिया है। इसमें मुख्य रूप से बिना हेलमेट के कोई भी वाहन नहीं चलाए, वाहनों की रफ्तार सीमित हो और तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस को अभियान चलाकर शहर के लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि बिना हेलमेट पहने और तेज गति से वाहन चलाने से युवकों की मौत हो रही है, जो बहुत ही पीड़ादायक है। ट्रैफिक पुलिस अभियान तो चलाती है, लेकिन वह प्रभावशाली नहीं रहता। दो पहिया वाहनों पर तीन लोगों को बैठने की इजाजत किसी भी स्थिति में नहीं मिलनी चाहिए। चार पहिया वाहनों में ब्लैक फिल्म नहीं होनी चाहिए।

नहीं होता अभियान का असर

सिटी में समय-समय पर ट्रैफिक पुलिस अभियान चलाकर कानून तोड़ने वालों को पकड़ती है। लेकिन, इसका असर एक-दो दिनों से ज्यादा नहीं रहता। लोग दोबारा वही गलती करते हैं, जिसके लिए वे पहले फाइन दे चुके होते हैं। हाई कोर्ट को ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि शहर में अभियान चलाया जाता है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ।

कोई गिड़गिड़ाता है, तो कोई हनक दिखाता है

शहर में बिना हेल्मेट दो पहिया वाहन चलाने और एक ही गाड़ी में तीन-तीन लोगों के बैठकर चलने पर पुलिस की कार्रवाई तो होती है, लेकिन इसका असर कम ही होता है। पकड़े जाने पर कई लोग ट्रैफिक पुलिस वालों के सामने 'छोड़ देने' के लिए गिड़गिड़ाने लगते हैं, तो कई अपनी पहचान बताने लगते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों से फाइन लिया जाता है। नियम तोड़ने बुलेट सवार ट्रैफिक वालों के साथ सबसे ज्यादा बकझक करते हैं। इससे आये दिन चौक-चौराहों पर मजमा लगा रहता है।