रियल्टी चेक

- जूते-चप्पल पहनकर वार्ड में पहुंच जाता है अस्पताल का स्टाफ

- वार्ड में एडमिट मरीज के तीमारदार भी बरतते हैं लापरवाही

BAREILLY:

शासन की ओर से जिला अस्पताल में एनएबीएस यानि नेशनल एक्रेडडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स की टीम फरवरी में आने वाली है, जो हॉस्पिटल की सुविधा, साफ सफाई, व्यवस्थाओं की हकीकत देखेगी। टीम का ध्यान आकर्षित करने के लिए एडीएसआईसी डॉ। केएस गुप्ता ने इसके लिए पूरे हॉस्पिटल में सुविधाओं पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल के बर्न वार्ड के मरीज खतरे में हैं। स्टाफ और तीमारदारों की लापरवाही के कारण इन मरीजों को इनफेक्शन होने की संभावना बढ़ गई है। तीमारदार और स्टाफ जूते-चप्पल पहनकर मरीज के पास तक पहुंच जाते हैं, जिससे उन्हें इनफेक्शन का खतरा रहता है।

स्टाफ करता है लापरवाही

एक तरफ डॉक्टर्स का कहना है कि जले हुए मरीज को सैप्टिक से बचाने के लिए उसे गंदगी, धूल मिट्टी आदि से बचाना जरूरी होता है। मरीज के पास किसी भी दूसरे मरीज को नही जाना चाहिए जिससे कि उसे सैप्टिक न हो। वहीं दूसरी ओर अस्पताल का स्टाफ ही खुद बर्न वार्ड में सैंडिल पहनकर घुस जाते हैं। उधर जले हुए मरीज के पास किसी दूसरे व्यक्ति को जाना मना है, फिर भी बर्न वार्ड में मरीज के पास दूसरे लोग बैठे रहते हैं।

इस बारे में स्टाफ को पहले ही जानकारी दी गई है। उन्हे अलग से स्लीपर दिए गए हैं। यदि फिर भी लापरवाही बरती जा रही है तो उन्हें दोबारा आदेश जारी किया जाएगा। किसी भी मरीज के तीमारदार को वार्ड में नहीं रहने दिया जाएगा। पेशेंट की सेफ्टी बेहद जरूरी है।

डॉ। केएस गुप्ता, एडीएसआईसी