बरेली: आखिर बाकरगंज के कूड़े में बार-बार आग क्यों लग जाती है? इसका जवाब भले ही नगर निगम के पास न हो लेकिन इसकी हकीकत जानेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। इसके लिए बहुत हद तक खुद नगर निगम और इनके सफाईकर्मियों की लापरवाही जिम्मेदार है। ये सफाईकर्मी सुबह-सुबह शहर में कूड़े के जिन छोटे-छोटे ढेर में आग लगाते हैं, वहां से उठी चिंगारी बाकरगंज के कूड़े में लगी आग को और भड़का रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कई दिनों तक इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

इस संबंध में जब सफाईकर्मियों से बात की तो उन्होंने बताया कि शहर की सड़कों और प्रतिष्ठानों के बाहर साफ-सफाई के बाद कूड़े के ढेर लग जाते हैं। इसे हाथ से ढोने वाली गाड़ी से कूड़ाघर तक बार-बार ले जाना काफी मुश्किल भरा काम होता है। ऐसे में वह कूड़े में आग लगा देते हैं, जो कूड़ा बचता है उसे हाथ गाड़ी में भरकर कूड़ाघर में फेंक आते हैं। इसे पूरी तरह से बुझाते तक नहीें। इससे बचा हुआ कूड़ा सुलगता रहता है। फिर कूड़ाघर में भी यह सुलगता रहता है। यहां से बड़ी-बड़ी गाडि़यों से ढोकर कूड़ा बाकरगंज में फेंक दिया जाता है। इसी कूड़े की चिंगारी फिर बाकरगंज के कूड़े के पहाड़ को शोला बन धधक रही है। नतीजतन, शहर जहरीले धुएं से भर गया है।

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आपका रियलिटी चेक सही है

बाकरगंज में कूड़े के ढेर में आग क्यों लग जाती है?

कूड़े के ढेर में पड़े टायरों से तार निकालने के लिए बच्चे इसमें आग लगा देते हैं। कूड़ा बीनने वाले भी कभी-कभी इसमें आग लगा देते हैं। पर हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिससे इन लोगों को रोका जा सके।

नगर निगम के सफाईकर्मी भी इसके लिए कितना जिम्मेदार हैं?

आपकी बात सही है और रियलिटी चेक भी। सफाईकर्मी भी सुलगते कूड़े को कूड़ाघर में डाल आते हैं, जहां से यह बाकरगंज पहुंच जाता है।

इसका सॉल्यूशन क्या है?

घरों से कूड़ा उठाने के लिए अब हमारी गाडि़यां गाना बजाते मोहल्लों में घर-घर जाएंगी। लोग अपना कूड़ा सड़क की बजाय गाड़ी में डाल सकेंगे। इन गाडि़यों ंसे कूड़ा सीधे बड़े हाइड्रोलिक वाहनों में डाला जाएगा। ये गाडि़यां सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जाएगा।