- परिवहन निगम प्रबंधन की लापरवाही आई सामने आंखों से कमजोर ड्राइवर को थमा दी बस

-डॉक्टर ने आई चेकअप में संविदा ड्राइवर सुंदरलाल की आंखों को कमजोर बताया था

BAREILLY:

बरेली में हुए बस हादसे का जिम्मेदार बस ड्राइवर ही निकला। बस की स्टीयरिंग ऐसे ड्राइवर के हाथ में थी, जिसे साफ दिखायी भी नहीं देता था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बस के उस ड्राइवर को खोज निकाला। पूछताछ के दौरान पता चला कि एक साल पहले हुए आई टेस्ट में उसकी आंख की रौशनी कमजोर पायी गयी थी। बावजूद इसके परिवहन निगम प्रबंधन ने कमजोर नजर के ड्राइवर को बस देकर यात्रियों की जान खतरे में डाल दी।

100 मीटर पर था काल फिर भी।

आंखें कमजोर होने के बावजूद सुंदर लाल यादव चश्मे का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। इस बीच परिवहन निगम के अधिकारियों की भी लापरवाही जारी रही। आंखों से कम दिखने के बाद भी उसे लांग रूट की बस रात में चलाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। गोंडा डिपो की बस संख्या यूपी 43 टी 5978 दिल्ली से 5.30 मिनट पर 37 सवारियों को लेकर चली। बरेली पहुंचने के पर हाइवे पर जिस समय बस चढ़ रही थी उस समय उसकी स्पीड 25.6 किलोमीटर से प्रति घंटा था। ट्रक की दूरी महज 100 मीटर थी। बस ड्राइवर सुंदर लाल यादव ने बताया कि उसे दूर से ट्रक आते हुए दिखाई दिया था, लेकिन जब वह हाइवे पर चढ़ने के बाद गोंडा की ओर मुड़ा तो ट्रक ड्राइवर ने स्टीयरिंग दाहिनें घुमा दी, जिसकी वजह से बस के पिछले हिस्से में ट्रक टकराई। वह चाहता तो ट्रक की स्पीड कम कर सकता था।

सुबह भी बस चला कर गया था दिल्ली

सुंदर लाल सुबह भी बस चला कर दिल्ली गया था। हादसे के दिन सुबह 6 बजे गढ़ से बस लेकर निकला। करीब 65 किलोमीटर बस चला कर दिल्ली पहुंचा था। इसके बाद दिल्ली से गोंडा आने के दौरान भी उसने रामपुर में स्टेयरिंग सम्भाल ली थी। सुंदर लाल यादव का ड्राइविंग लाइसेंस संत कबीर नगर परिवहन ऑफिस से जारी हुआ है, जिसका नम्बर यूपी 58-19950000408 हैं। ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता 5 अप्रैल 2018 तक का है। 45 वर्षीय सुंदर संतकबीर नगर गोला बाजार खलीलाबाद का रहने वाला है।

डीजल टैंक पर लगा था सेंसर

परिवहन निगम ने फ्यूल टैंक पर सेंसर लगा रखे हैं, जो कि कंट्रोल रूम से कनेक्ट हैं। ताकि ड्राइवर व कंडक्टर जब भी बस में फ्यूल भरवाएं उसकी जानकारी कंट्रोल रूम को हो सके कि उन्होंने टैंक में कितना फ्यूल भरवाया। सेंसर में एक छोटी सी लाइट ब्लिंक होती है। संभावना जताई जा रही है कि जब ट्रक ने टक्कर मारी तो इसी सेंसर से चिंगारी निकली और फ्यूल के संपर्क में आकर आग का रूप ले लिया।

जिस समय मैं हाइवे पर बस लेकर पहुंचा उस समय बस की स्पीड 25.6 किलोमीटर प्रति घंटा था। पिछले वर्ष आंखों की जांच हुई थी। मेरी नजर कमजोर पायी गई थी। यहां तक कि अखबार और किताब तक नहीं पढ़ पाता हूं।

सुंदर लाल यादव, संविदा ड्राइवर, गोंडा डिपो

हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। संविदा चालक से पूछताछ जारी हैं। जांच में जो भी चीजें निकल कर सामने आएंगी उसकी रिपोर्ट शासन को प्रशासन को सौंपी जाएगी।

प्रभाकर मिश्रा, आरएम, परिवहन निगम बरेली