160 सिटी बसें मेट्रो रूट पर

30 हजार यात्री सिटी बसों में करते हैं सफर

25 सौ टैम्पो मेट्रो रूट पर

45 हजार यात्री करते हैं यात्रा

43 सौ से अधिक ऑटो

50 हजार से अधिक लोग करते सफर

- सिटी बसें और टैम्पों को हटाए जाने की कवायद शुरू

- ऑटो वालों को मिली है अभी तक छूट

- जिला प्रशासन के साथ जल्द होगी इस रूट को लेकर बैठक

- निर्धारित वाहनों को ही मिल सकेगी छूट

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW :

ट्रांसपोर्ट नगर से मुंशीपुलिया तक मेट्रो के शुरू होने के बाद इस रूट पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों को हटाने की तैयारी है। इस रूट से सिटी बसें तो जहां पूरी तरह से हटा दी जाएंगी तो वहीं टैम्पों भी इन रूटों पर नहीं चल सकेंगे। हालांकि ऑटो के संचालन पर अभी फैसला आना बाकी है। इस मामले में जल्द ही जिला प्रशासन, ऑटो, टैम्पो, सिटी बस प्रबंधन, ट्रैफिक पुलिस, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार मेट्रो का संचालन शुारू होने से पहले यह बैठक की जा सकती है। गौरतलब है कि इस रूट पर ई-रिक्शा का संचालन पहले ही बंद किया जा चुका है।

हरी झंडी मिलने का इंतजार

चारबाग से मुंशीपुलिया के बीच मेट्रो के ट्रायल शुरू हो चुके हैं। सीआरएस से हरी झंडी मिलते ही अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। अभी तक आई सभी रिपोर्ट को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि कामर्शियल रन के लिए जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी। कहीं दस फरवरी बसंत पंचमी को कामर्शियल रन शुरू करने की बात कही जा रही है तो कहीं चार मार्च शिवरात्रि वाले दिन मेट्रो के कामर्शियल रन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

टैम्पो बंद किए जाने का विरोध

टैम्पो टैक्सी महासंघ से के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मेट्रो रूट पर टैम्पो बंद किए जाने को लेकर विरोध किया है। इस मामले को लेकर वह डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से भी मिले हैं। वहां से डीएम को पत्र लिखकर इस मामले को सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले माह 5 दिसंबर 2018 को मेट्रो रूट पर ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर बैठक हो चुकी है। जिसमें ऑटो के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए।

अन्य रूट पर ट्रांसफर होंगे टैम्पो

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिन टैम्पों के परमिट इस रूट पर हैं, उन्हें अन्य जगह चलाए जाने के लिए स्थानांतरित करने पर चर्चा हो चुकी है। इन्हें मुंशीपुलिया और एयरपोर्ट के आगे संचालन की अनुमति देने की तैयारी है। जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाना है। सिर्फ ऑटो पर फैसला आना बाकी है।

यह है कारण

परिवहन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जिस रूट पर मेट्रो दौड़ेगी, उसी पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों के संचालन से सभी को नुकसान होगा। एक तरफ यात्री मेट्रो की तरफ दौड़ेंगे तो दूसरी तरफ लोग टैम्पो और सिटी बस पर भी चलेंगे। ऐसे में ट्रांसपोर्ट के सभी सेक्टर्स को नुकसान उठाना होगा। फिर मेट्रो रूट पर बंद वाहनों का संचालन अन्य क्षेत्र में किए जाने से वहां के लोगों को सफर का साधन मिल सकेगा। राजधानी का लगातार विकास हो रहा है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अभी भी सिटी बस, टैम्पो और ऑटो नहीं पहुंच रहे हैं। इनमें वृंदावन कालोनी, स्पो‌र्ट्स कॉलेज के आगे, नया जानकीपुरम और हाल ही में कानपुर रोड पर डेवलप हुई कई आवासीय कालोनियां सहित शहर भर की कई कालोनियां शामिल हैं।

अभी इस मामले में बैठक होनी है। उसके बाद ही फैसला होगा। टैम्पों और सिटी बस को तो हटाने की बात हो चुकी है। इससे इन रूटों पर जहां ट्रैफिक सामान्य होगा वहीं यात्रियों को भी फायदा मिलेगा।

श्रीप्रकाश गुप्ता, एडीएम प्रशासन

एक ही रूट पर मेट्रो और सिटी बस चलाने का फायदा नहीं है। इस मामले में बैठक होनी है। मेरी कोशिश होगी कि सिटी बसों के यहां से हटते ही अन्य इलाकों में उनका संचालन कर सकूं।

आरिफ सकलेन, एमडी,

सिटी बस प्रबंधन

हमने जिला प्रशासन से एक मेट्रो स्टेशन से दूसरे मेट्रो स्टेशन तक टैम्पों चलाने को लेकर छूट मांगी है। मेट्रो स्टेशनों तक यात्रियों को पहुंचाने के लिए साधन चाहिए।

राज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, लखनऊ

टैम्पो टैक्सी महासंघ

ऑटो को लेकर अभी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है। इस मामले में सभी विभागों के साथ बैठक होनी है। उसमें ही तस्वीर साफ होगी।

पंकज दीक्षित, अध्यक्ष

लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन

मेट्रो रूट पर सिटी बस और टैम्पों का प्रतिबंध किया जाना प्रस्तावित है। अभी मेट्रो के उद्घाटन की तारीख तय नहीं है। तारीख तय होते ही इस दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। इस मामले को लेकर विभिन्न विभागों के साथ बैठक प्रस्तावित है।

एके सिंह, आरटीओ, लखनऊ