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LUCKNOW : सीएम आवास पर सोमवार को यूपी और उत्तराखंड के बीच बसों के संचालन को लेकर समझौता पत्र पर साइन किए गए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बसों का संचालन पीएम की 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार करता है। जनहित की योजनाओं को पीपीपी माडल पर आगे बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार के पास इतने संसाधन नहीं होते जितने की लोग पीपीपी माडल से जुटा सकते हैं।

संगम तट तक ले जाएंगी बसें

सीएम ने कहा कि प्रयागराज में कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए 500 बसें चलाई जानी हैं। इनमें से 51 बसें आज चलनी शुरू हो जाएंगी। इन शटल बसों से श्रद्धालुओं को संगम तट तक ले जाया जाएगा। पांच किमी पहले तक इन बसों का संचालन किया जाएगा।

दोनों प्रदेशों के लोगों को सुविधा

कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच आज हुआ यह समझौता दोनों प्रदेशों के लोगों के सफर को आसान कर देगा। इस समझौते से यूपी और उत्तराखंड के बीच आवागमन के साधन बढ़ेंगे। वहीं इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अब संविदा कर्मियों को इलाज के लिए ढाई लाख रुपए की मदद मिलेगी।

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला और उत्तराखंड के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव शैलेश बगौली ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए और पत्रावलियां एक दूसरे को सौंपीं। इस अवसर पर उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, परिवहन निगम के अध्यक्ष संजीव सरन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल समेत कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे।

समझौते के प्रमुख बिंदु

- उत्तराखंड में अब यूपी की रोडवेज बसें 216 मार्गों पर चलेंगी। एक लाख 39 हजार किलोमीटर तक सफर करने की छूट यूपी रोडवेज बसों को होगी। प्रतिदिन रोडवेज बसें 2476  ट्रिप पूरा करेंगी।

- यूपी में उत्तराखंड की रोडवेज बसें 335 मार्गों पर संचालित की जाएगी। उत्तराखंड की बसें प्रदेश में दो लाख 52 हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगी। 1730 ट्रिप बसें रोजाना पूरी करेंगी।

- निजी बस संचालकों को भी 57 मार्गों पर चलने की अनुमति दी गई है।

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