- डायवर्जन के दौरान बसों के संचालन के लिए बाहरी इलाकों में नहीं मिली जगह

- परिवहन निगम के अधिकारियों ने खड़े किए हाथ, बढ़ेगी जाम की समस्या

LUCKNOW: मेट्रो संचालन के लिए चारबाग से शुरू हुए निर्माण कार्य के चलते राजधानी में डायवर्जन के साथ ही बसों को आउटर से चलाने की सहमति बनी थी। ऐसे में कानपुर रोड की बसों का संचालन शुक्रवार से बाराबिरवां के पास से किया जाना था। लेकिन, यहां पर अतिक्रमण को देखकर परिवहन निगम के अधिकारी भाग खड़े हुए और बस अड्डे से बसों का संचालन शुरू कर दिया। बसों के संचालन के लिए शहर के बाहर जगह तलाशी जा रही थी, लेकिन कहीं भी जगह ना मिलने से अब परिवहन निगम ने नई जगहें देखनी बंद कर दी हैं। विभागीय अधिकारियों ने अनुसार फिलहाल शहर में चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे से बसों का संचालन किया जाएगा।

कई दौर की हुई थीं बैठकें

परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में रोडवेज की बसों की आमद कम करने के लिए जिलाधिकारी और ट्रैफिक पुलिस के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। सबसे बड़ा टारगेट यही है जब तक शहर में निर्माण कार्य चल रहा है तब तक बसों का संचालन शहर के बाहर से किया जाए, जिससे शहर में कही जाम ना लगे। इसके लिए जानकीपुरम बस अड्डे का निरीक्षण किया गया। इसके बाद पॉलीटेक्निक के पास जगह तलाशी गई। इसके अलावा कानपुर रोड एलडीए के आस-पास भी जमीनें देखी गई। लेकिन अब तक कहीं से भी बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका हैं।

चारबाग से केकेसी की तरफ जाने को मंजूरी नहीं

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि चारबाग मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। ऐसे में चारबाग से बसों को केकेसी की तरफ नहीं आने दिया जा रहा है। चारबाग से फैजबाद रोड पर जाने वाली बसों को आलमबाग थाने के सामने से चारबाग होते हुए बाईपास तक भेजा जा रहा है, जबकि कानपुर रोड पर जाने वाली बसें रेलवे के एनआर हॉस्पिटल के पास से टर्न हुए रास्ते से रवाना की जा रही हैं। ऐसे में परिवहन निगम ने कानपुर रोड की बसों को चारबाग में आने के लिए बाराबिरवां के पास जगह देखी थी। लेकिन, यहां पर अतिक्रमण देखकर परिवहन निगम के अधिकारी वापस लौट गए।

देखी गई थीं कई जमीनें

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अस्थायी रोडवेज बस अड्डे के लिए कई जगहें देखी गई लेकिन अब तक इनमें से किसी भी जगह से बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। इसका कारण है कि ना तो हमें जमीन मिली और ना ही कहीं से हमें यह आदेश मिला कि हम अपनी बसों का संचालन यहां से करें। ऐसे में हम कहीं जबरदस्ती कब्जा कर संचालन शुरू नहीं कर सकते।

जब तक हमें जमीन उपलब्ध नहीं कराई जाएगी, हम शहर में बने बस अड्डों से संचालन को मजबूर हैं। बस अड्डे के लिए अब तक जो भी जगहें देखी गई, उनमें कहीं से भी बसों के संचालन के लिए हमें अनुमति नहीं मिली है।

एके सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ परिक्षेत्र

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम