-शहर में बेधड़क दौड़ रही डग्गामार बसें

-आरटीओ देता टूरिस्ट एंड कैरिज परमिट

GORAKHPUR: शहर में डग्गामार बसों का आवागमन खतरनाक होता जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा सवारियां ढोने के चक्कर में मनमानी रफ्तार से बसें दौड़ाई जा रही हैं। बसों की बेलगाम होने की जांच के नाम पर अधिकारी एक दूसरे विभाग पर मामला टाल रहे हैं। जबकि, ओवर स्पीडिंग की वजह से पूर्व में ऐसी तमाम घटनाएं हो चुकी हैं। आरटीओ ने डग्गामारी की पूरी जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस पर टाल दी है। जबकि ट्रैफिक पुलिस इस मामले को लेकर टालमटोल करने में जुटी है।

सवारी के फेर में ओवर स्पीड चलती बसें

शहर के अंदर से तीन सौ से ज्यादा प्राइवेट बसें संचालित होती हैं। इनमें सर्वाधिक बसें देवरिया और कुशीनगर रूट पर चलती हैं। बिहार बार्डर से लेकर गोरखपुर के बीच सवारियों को उठाने के लिए बस ड्राइवरों में होड़ मची रहती है। इस आपाधापी में प्राइवेट बसों के ड्राइवर ओवर स्पीड बसें चलाते हैं। इससे अक्सर एक्सीडेंट हो जाते हैं। भीड़ वाली जगहों पर बसों की रफ्तार तेज होने से अक्सर बाइक, साइकिल सवार और पैदल चलने वाले हादसे के शिकार बनते हैं। एक्सीडेंट के बाद पीडि़त परिवारों को न्याय के लिए भी भटकना पड़ता है। बस मालिकों के प्रभाव की वजह से कई बार एक्सीडेंट करने वाले ड्राइवर आसानी से बच निकलते हैं। आरटीओ के लोगों का कहना है कि प्राइवेट बसों के सवारियां ढोने की अनुमति नहीं होती है। टूरिस्ट एंड कैरिज परमिट पर चलने वाली इन बसों में सवारी ले जाने की मनाही होती है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की इनकी मनमानी जारी रहती है।

हाल के दिनों में हुए हादसे

25 अप्रैल 2018: कैंपियरगंज में तेज रफ्तार मिनी बस टकराकर पलटी, दो की मौत।

22 जनवरी 2018: बस और ट्रक में आमने सामने की टक्कर, कई यात्री चोटिल।

31 दिसंबर 2017: गोरखपुर से सोनौली जा रही बस की ट्रक से टक्कर, चार यात्री घायल।

27 अगस्त 2017: देवरिया से गोरखपुर आ रही बस रामलक्षन के पास पलटी, कई या˜ाी घायल।

एसपी ट्रैफिक से सवाल-जवाब

सवाल: शहर में डग्गामार बसों का संचलन रोकने की जिम्मेदारी किसकी है।

जवाब: डग्गामार बसों के खिलाफ आरटीओ के लोग कार्रवाई करते हैं।

सवाल: इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस की क्या व्यवस्था है।

जवाब: हम ट्रैफिक कंट्रोल करते हैं। कहीं पर जाम लगने, नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटा जाता है।

सवाल: पूर्व में सभी बसें शहर के बाहर खड़ी हो रही थीं। अब ऐसा नहीं हो रहा है।

जवाब: बसों की आवाजाही रोकने के संबंध में हमारे पर कोई आदेश नहीं है। यदि कोई आदेश मिला तो इस पर अमल ि1कया जाएगा।

सवाल: बसों की स्पीड जांचने के लिए क्या करते हैं।

जवाब: हमारे पास इंटरसेप्टर वाहन है। इसमें लगे राडार से वाहनों की स्पीड जांची है। ओवरस्पीडिंग होने पर कार्रवाई की जाती है।