बस और नहीं

बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दौड़ रही बसें

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- एनजीटी के सवाल पर घेरे में परिवहन निगम

- एनजीटी ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से तलब की रिपोर्ट

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

मेरठ: बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के शहर में रोडवेज की सैंकड़ों बसें दौड़ रही हैं और जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जब सवाल किया तो जबाव देने में जिम्मेदार कन्नी काट गए। अकेले भैंसाली बस अड्डे से 216 बसें दिनभर मेरठ से दौड़ रही हैं।

एनजीटी ने किया जबाव-तलब

मेरठ में शहर के अंदर स्थित भैंसाली और सोहराबगेट बस अड्डों को शिफ्ट कराने के लिए एनजीटी में दाखिल जनहित याचिका (एसएलपी) में रोडवेज की खटारा बसों द्वारा हो रहे प्रदूषण पर सवाल किया गया। आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना की जनहित याचिका में परिवहन विभाग और प्रदूषण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए जबाव मांगा गया था। हालात पर गौर करें तो एक आरटीआई के जबाव में भैंसाली बस अड्डे से रोजाना दिल्ली और यूपी के अलग-अलग शहरों में 216 अनुबंधित बसों का संचालन हो रहा है। इन बसों के 1254 ट्रिप रोजाना लग रहे हैं। याचिका में इन खटारा बसों से हो रहे प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई गई थी। मेरठ की 650 बसें बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं।

चेक नहीं होता पाल्यूशन

एनजीटी के सवाल पर पल्ला झाड़ते हुए यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि वेहिकल एक्ट के तहत किसी भी वेहिकल का पॉल्यूशन चेक करने का अधिकार परिवहन कार्यालय को है। परिवहन विभाग रोडवेज की बसों की फिटनेस को लेकर गंभीर नहीं है, जबकि आरटीओ ममता शर्मा ने कहा कि रोडवेज का अपना वर्कशॉप होता है, जहां वाहनों की चेकिंग होती है। फिटनेस के सवाल पर भी परिवहन निगम को एनजीटी ने घेरा तो वहीं आरटीओ फिटनेस की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं दे सकी। एनजीटी ने विभाग से बसों की लॉस्ट फिटनेस डेट तलब की है।

एक नजर

1142 मेरठ में रोडवेज के दो डिपो से संचालित कुल बसें

366 मेरठ में संचालित कुल अनुबंधित बसें

776 मेरठ में संचालित कुल रोडवेज बसें

650-भैंसाली डिपो से संचालित कुल बसें

216-भैंसाली डिपो से संचालित अनुबंधित बसें

434 - भैंसाली डिपो से रोडवेज संचालित बसें

1254-भैंसाली डिपो से संचालित अनुबंधित बसों के रोजाना ट्रिप

492 सोहराब गेट से संचालित कुल बसें

342 सोहराब गेट से संचालित रोडवेज की वसें

150 सोहराब गेट से संचालित अनुबंधित बसें

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मेरठ के भैंसाली और सोहराबगेट डिपो से संचालित रोडवेज की बसों और अनुबंधित बसों से होने वाला प्रदूषण जानलेवा है। एनजीटी में दाखिल सवाल पर विभाग जबाव देने में कन्नी काट रहे हैं।

-लोकेश खुराना, आरटीआई एक्टिविस्ट

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रोडवेज की बसों का समय-समय अपने ही डिपो में फिटनेस चेक किया जाता है, जिसमें पॉल्यूशन भी शामिल रहता है। विभाग एनजीटी का जबाव दाखिल कर रहा है।

- एसके बनर्जी, आरएम, रोडवेज

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मोटर वेहिकल एक्ट के तहत प्राइवेट एवं पब्लिक व्हिकल में पॉल्यूशन की चेकिंग के लिए परिवहन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।

-अतुलेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

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रोडवेज बसों का पॉल्यूशन सामान्य वाहनों की तरह की चेक होता है। क्योंकि यह टेक्निकल मामला है इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं है।

-ममता शर्मा, आरटीओ, मेरठ