RANCHI: बेड़ो के प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी सुरेंद्र तिवारी अपहरण के महज 12 घंटों के अंदर अपनी सूझ-बूझ व पुलिस की तत्परता से सकुशल बरामद कर लिये गए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि अपहरण की साजिश उनके बेटे के चचेरे साले घाघरा प्रखंड मुख्यालय के समीप रहने वाले योगेंद्र शुक्ला के बेटे प्रतुल कुमार शुक्ला उर्फ अंकित ने रची थी। प्रतुल जब भी रांची आता तो अपनी चचेरी बहन से मिलने मेरे घर भी जरूरत आता था। इससे उसे मेरी हर गतिविधि की जानकारी मिल गई थी।

क्या है मामला

किडनैपर्स के चंगुल से आजाद हुए सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि जब वो दुकान बंद करके घर लौट रहे थे। उसी समय कुछ लोगों ने हथियार के बल पर उन्हें एक कार में बिठा लिया और लोहरदगा वाले रास्ते में लेकर जाने लगे। इसी बीच हड़बड़ी में उनकी कार एक पोल से टकरा गई। इसके बाद अपराधियों ने कार को चेंज किया और एक दूसरी कार में बिठा कर उन्हें छत्तीसगढ़ की तरफ ले जाने लगे। इसी बीच गुमला रायडीह थाना क्षेत्र स्थित एक पेट्रोल पंप पर अपराधी पेट्रोल भरवाने के लिए उतरे। इस दौरान उन्होंने अपराधियों से कहा कि उन्हें लघुशंका के लिए जाना है, इसके बाद दो अपराधी सुरेंद्र तिवारी को कार से बाहर निकालकर लघुशंका के लिए ले जाने लगे। इसी बीच सुरेंद्र तिवारी ने पेट्रोल पंप से थोड़ी ही दूर पर खड़े हाइवे पैट्रोलिंग दस्ते को देखा और दोनों अपराधियों को धक्का देकर दस्ते के पास पहुंच गए। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को सारी बातें बताई और मामला समझ में आते ही पुलिसकर्मियों ने तुरंत उन्हें अपने वाहन में बिठा लिया। इसके बाद अपराधियों को पकड़ने के लिए खदेड़ना शुरू किया। लेकिन, सभी अपराधी कार में सवार होकर छत्तीसगढ़ की तरफ फरार हो गए।