फर्जी वकालतनामा बनाए जाने का मामला
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RANCHI: मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय में होने वाली गड़बडि़यों की परत-दर परत खुलती जा रही है। यहां से बच्चे-बच्चियों के लापता होने के मामले में फर्जी वकालतनामा बनाए जाने का भी मामला सामने आया है। पीडि़ता करिश्मा टोप्पो मामले में जब सीडब्ल्यूसी ने दस्तावेजों को खंगाला तो यह सच्चाई सामने आई। सीडब्ल्यूसी ने फर्जी वकालतनामे को अपने कब्जे में कर इसकी एक कॉपी जांच के लिए कोतवाली थाने के एचटीयू को सौंप दी है।

ऐसे सामने आया मामला
जब अनिमा इंदवार ने यूपी के सोनभद्र निवासी सौरभ अग्रवाल और प्रीति अग्रवाल को बच्चा बेचा था, उस वक्त उनलोगों ने शपथ पत्र और कागजात की मांग की थी। शपथ पत्र के आलोक में दंपति को सांत्वना देने के लिए फर्जी वकालतनामा तैयार किया गया। इस वकालतनामा में करिश्मा टोप्पो की भाषा में यह दर्शाया गया कि वह खुद अपनी मर्जी से बच्चे को सौप रही है। जबकि करिश्मा निर्मल हृदय में ही रह रही थी। न तो इस संबंध में उससे कुछ पूछा गया और न ही उसके कागज पर हस्ताक्षर किया गया था। वकालतनामा पर किसी और के हस्ताक्षर हैं।

लाइसेंस रद करने की भी सिफारिश
पीडि़ता करिश्मा टोप्पो मामले में फर्जी वकालतनामा का इस्तेमाल किए जाने को सीडब्ल्यूसी ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इतना ही नहीं, वकालतनामा पर सिग्नेचर करने वाले एडवोकेट के लाइसेंस को रद करने की भी सिफारिश बार काउंसिल से की जाएगी। इस बाबत जल्द ही संबंधित एडवोकेट्स से पूछताछ की जाएगी।

2000 से 5000 रुपए तक होती है वसूली
फर्जी वकालतनामा बनाने में 2000 से 5000 रुपये तक फीस वकील के द्वारा ली जाती है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कोर्ट में एक ऐसा गिरोह भी तैयार है। जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर वकालतनामा तैयार करते हैं।