पीपीगंज के डिस्को सहित 60 से अधिक रजिस्टर्ड

इक्का-दुक्का फैक्ट्रियां, ज्यादातर मुंगेर की सप्लाई

GORAKHPUR:

जिले के दियारा में अवैध असलहे की फैक्ट्री पकड़कर पुलिस भले अपनी पीठ थपथपाए। लेकिन गली-मोहल्लों में फैले अवैध असलहों के कारोबार के नेटवर्क को तोड़ पाना पुलिस के काफी मुश्किल होगा। लोकल तमंचों से ज्यादा मुंगेर के बने कट्टों पर बदमाशों को काफी भरोसा है। उभरते अपराधियों से लेकर जरायम पेशे में नाम कमा चुके तमाम बदमाशों की पहली पंसद तमंचे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर के लोगों की मदद से अंडरव‌र्ल्ड में पहुंचने वाले असलहे आए दिन गरजते रहते हैं।

गली-गली में अवैध असलहों का कारोबार

जिले में अवैध असलहों के कारोबार पर लगाम कसने में पुलिस नाकाम रही है। स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स से लेकर गली-मोहल्लों में भौकाल जमाने वाले युवकों को असलहों का शौक अपनी खींच ले जाता है। कम दाम में आसानी से उपलब्ध असलहों की खेप पाने के लिए जरूरतमंद किसी भी तरह से रुपए का इंतजाम कर लेते हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि बिहार से सटे होने की वजह से यहां पर असलहों का अवैध कारोबार जमकर होता है। पूर्व में सामने आए मामलों में यह बात साफ हो चुकी है। देसी कट्टों का क्रेज बढ़कर काबाईन तक पहुंच गया है। जिले में छह लोगों के पास अवैध कार्बाइन की सूचना पुलिस को मिली है।

तीन साल में 60 से अधिक बदमाश चिह्नित

अवैध असलहों के कारोबार से जुड़े करीब 60 बदमाशों को तीन साल में पुलिस चिह्नित कर चुकी है। पीपीगंज के डिस्को तिवारी को पुलिस ने अवैध असलहा कारोबारी के रूप में रजिस्टर्ड कर दिया है। बडृे कारोबारियों में झंगहा के टमठा, चौरीचौरा और बेलीपार के 12 से अधिक बदमाशों के नाम हैं। जबकि, फुटकर कारोबार करने वालों की तादाद 60 से अधिक पार कर चुकी है। अंडरव‌र्ल्ड के राजा शेट्टी से गैंग जुड़े बदमाशों की गहरी पैठ गोरखपुर में है। उनके जरिए कई बार मुंगेरी असलहों की खेप टेस्ट कराकर पहुंचाई गई है। कैरियर अपने साथ दो से तीन असलहे ही लेकर आते हैं। पकड़े जाने पर बड़े नुकसान की आशंका में कम माल उठाते हैं।

इन पर हो चुकी है कार्रवाई

पीपीगंज एरिया का डिस्को तिवारी

कोतवाली एरिया का बॉबी

गोरखनाथ क्षेत्र में रहने वाला रिंकू

शाहपुर इलाके का नीरज श्रीवास्तव

गुलरिहा एरिया निवासी शहाबुद्दीन

तिवारीपुर एरिया का आफताब

इस रेट में बिकते असलहे

देसी तमंचे - 3000 से 4000 रुपए प्रति पीस

पिस्टल 20 से 25 हजार रुपए प्रति पीस

कार्बाइन 50 से 60 हजार रुपए प्रति पीस

एके 47 ओरिजनल आठ से नौ लाख रुपए

एके 47 मुंगेर में निर्मित असलहा डेढ़ से दो लाख

नोट: अभियुक्तों से पूछताछ में रेट का खुलासा हुआ है।

गोरखपुर में हुई बड़ी कार्रवाई

30 सितंबर 2018: स्पेशल कैंपेन में बेलीपार एरिया में पुलिस ने दो अंतरजनपदीय गिरोह के दो तस्करों को अरेस्ट करके दो तमंचा, कारतूस बरामद किया था। उनसे पूछताछ में सामने आया था कि वह दोनों अपने अन्य साथियों संग मिलकर बिहार से असलहों की तस्करी करते हैं। डिमांड के अनुसार उन असलहों का जिले में सौदा करते हैं।

14 फरवरी 2018: गोरखपुर से असलहों की खेप लेकर खलीलाबाद पहुंचे चार असलहा तस्कर पकड़े गए। पुलिस ने उनके पास से पांच पिस्टल और एक कार्बाइन बरामद किया। चारों असलहे की खेप लेकर खलीलाबाद के कांशीराम आवास योजना में किसी को सप्लाई देने जा रहे थे। फोरलेन पर मौजूद पुलिस ने चेकिंग में सबको दबोच लिया।

01 अक्टूबर 2017: झंगहा पुलिस ने दो असलहा तस्करों को अरेस्ट कर उनके पास से नाइन एमएम सहित दो पिस्टल बरामद किया। असलहा तस्करी के आरोपी मुकेश जायसवाल की फोटो उसके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। फेसबुक पर असलहों की डील सामने आने पर पुलिस ने उसे डील करने के बहाने अरेस्ट कर लिया। वह बिहार में बनी पिस्टल का आठ से 12 हजार में खरीदकर गोरखपुर 15 से 20 हजार में बेचता था।

05 नवंबर 2016: गुलरिहा पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर राजेंद्र नगर मोहल्ले के अंकुर सिंह और उसके साथी शाहपुर बौलिया रेलवे कालोनी निवासी बबलू यादव को अरेस्ट किया। उनके पास से नाइन एमएम की तीन और 32 बोर का एक पिस्टल बरामद हुई। बैग में बड़ी मात्रा में कारतूस भी मिले। दोनों काफी दिनों से असलहों के कारोबार में जुडे़ थे।

वर्जन

जिले में अवैध असलहों का कारोबार करने वालों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। कुछ लोग अवैध असलहों की कमाई से धन अर्जित कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

रोहित सिंह सजवान, एसपी नार्थ