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PATNA CITY : भ्00 और क्,000 रुपए के नोट पर लगी रोक के बाद से पटना सिटी की सबसे बड़ी अनाज मंडी में काफी असर दिखाई पड़ रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित किराना दुकानदार हुए हैं, जिन्हें अनाज की सप्लाई करने से थोक व्यापारियों ने मना कर दिया, क्योंकि वे क्00-क्00 के नोट में पेमेंट नहीं कर पाए। हालांकि अब ख्000 के नोट के ट्रांजेक्शन को लेकर भी ऊहापोह बनी हुई है। ऐसे में हर थोक मंडियों में पिछले एक सप्ताह से वीरानी का आलम दिख रहा है। खुदरा कारोबारियों के पास क्00-क्00 के इतने नोट नहीं हैं कि वो भुगतान कर सकें, इसलिए बिजनेस ठप हो गया है। खुदरा व्यापारियों के पास छोटे नोट नहीं होने की वजह से थोक व्यापारी और खुदरा व्यापारी डील नहीं कर रहे।

मंदा हुआ व्यापार

लगन के सीजन में भी सिटी के मंडियों में भी वीरानी छाई हुई है। जिंस, कपड़ा, फूड प्रोडक्टस से लेकर डि?बाबंद और पैकिंग वाले माल के उत्पादन से लेकर थोक मंडियों में भी लेन-देन का कारोबार पूरी तरह से ठप है। सारा काम लोकल खरीदारी पर टिका है या फिर जिनके पास क्00 या उससे छोटे नोट लेकर बाजार आ रहे हैं उन्हीं पर बिजनेस टिका हुआ है।

बढ़ सकती है महंगाई

सिटी के किराना, तेल-घी, खाद्यान्न, पैकेट वाले सामान, फूड प्रोडक्ट्स, कपड़ा का कारोबार करने वालों का कहना है कि जबतक उनके पास सामान का स्टॉक है, वो बेच रहे हैं। सामान का उत्पादक मंडियों या फैक्टरी से नहीं आने के कारण स्टॉक के घटने या समाप्त होने पर स्वाभाविक है, कीमत बढ़ेगी। इससे लोगों को सामान महंगा मिलेगा।

इसके पीछे मुख्य कारण है कि हर स्तर पर क्000 एवं भ्00 के बैन नोटों का चलन नहीं होना और नए नोट का सीमित होना बताया जा रहा है। अभी तो बैंकों में भी रुपया लेकर जाना और जमा करना या निकालना भी काफी जोखिम भरा है। इस भीड़ में रुपए की सुरक्षा भी मायने रखता है और कितनी देर लाइन में रह कर लोग रुपया जमा और निकासी करेंगे और तो और वहां भी राशि लेने और जमा करने की लिमिटेशन है। ऐसे में महंगाई बढ़ने की संभावना अधिक जताई जा रही है।

देसावर से माल नहीं आ रहा है। नोट बंदी के बाद कोई कैश लेने को तैयार नहीं है। नोट के ट्रांजेक्शन पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद कारोबार सुधरेगा। जिंसों की कमी के बाद महंगाई बढ़ना तय है।

- अजय केशरी, थोक कारोबारी

तीन-चार दिनों में स्थिति काफी सामान्य होने की उम्मीद है। अब लोगों की उतनी बड़ी लाइन नहीं दिख रही। बैंकों में रुपए के लेन-देन की बढ़ोतरी भी हो रही है। इससे लोगों को काफी रहत मिलेगी।

- कृष्णा कुमार, थोक विक्रेता

फूड प्रोडक्ट्स एवं मनिहारी मंडी खुदरा और लोकल खरीदारों पर टिका है। कैश बैन होने से छोटा नोट लेकर व्यापारी आने का रिस्क नहीं ले रहे और जब बड़े नोट ला रहे हैं तो उसका चेंज नहीं हो पा रहा।

- सुरेंद्र बागला, थोक विक्रेता