75 दिन से व्यापारी है परेशान, किसी ने नहीं की सीधी बात

ALLAHABAD: जीएसटी पोर्टल की असफलता, व्यवहारिक कठिनाईयों व जानकारी की कमी के साथ ही विभिन्न वस्तुओं पर कर की दरों को लेकर व्यापारियों में भ्रम की स्थिति है। जिसको लेकर न सिर्फ बल्कि पूरे देश के व्यापारी आक्रोशित हैं। लेकिन अब व्यापारी चुप बैठने वाले नहीं हैं, बल्कि सरकार की लापरवाही और मनमानी के खिलाफ व्यापारी आवाज उठाएंगे।

प्रताडि़त महसूस कर रहे व्यापारी

शनिवार को कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। जीएसटी की विसंगतियों पर चर्चा करते हुए कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि जीएसटी के 75 दिन व्यापारी एवं व्यापार दोनों के लिए उलझन भरे रहे। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और यहां तक की जीएसटी काउंसिल ने इन 75 दिनों में व्यापारिक संगठनों से ना तो सीधी बात की और ना ही समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया। जिसकी वजह से ईमानदार व्यापारी अपने को प्रताडि़त महसूस कर रहा है।

सूरत में होगा निर्णय

इन परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए और देश के व्यापारी नेताओं के दबाव पर कैट ने 18-19 सितंबर को सूरत में प्रमुख व्यापारी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें व्यापार पर जीएसटी के प्रभाव की समीक्षा होगी। भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। सहमति होने पर एक राष्ट्रीय आंदोलन की रूप रेखा भी तैयार की जा सकती है। देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापार संगठनों एवं उनसे जुड़े छह करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों का प्रतिनिधित्व कैट करता है।