नौ बजे कर्मियों को बार खोलने के बाद चला

इसका पता दूसरे दिन गुरुवार की सुबह नौ बजे कर्मियों को बार खोलने के बाद चला। इसकी सूचना मिलते ही गांधी मैदान थाना की पुलिस और सिटी एसपी ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। इस बीच क्लब के गार्ड चंदन को भी खोजा गया लेकिन वो न तो क्लब में था और न ही उसका फोन काम कर रहा था। परिजनों को चंदन पर शक है कि उसने ही हत्या करवाई है।

झूठे ग्लास और खून के धब्बे की जांच

बांकीपुर क्लब में बुधवार की रात दवा व्यवसायी वीरेश रंजन उर्फ वीरू बाबू की मौत की खबर मिलते ही एफएसएल की टीम वहां पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाने में जुट गयी। होंठ व कान पर कटे का निशान हैं जिससे खून निकल रहा था। एफएसएल की टीम ने शराब के झूठे गिलास और खून के धब्बे को जांच के लिए भेज दिया, जबकि पुलिस ने इसकी डेडबॉडी को मेडिकल बोर्ड के सामने पोस्टमार्टम कराया। वहीं दूसरी ओर बेटी रोहिणी रंजन ने हत्या की आशंका जताते हुए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जबकि पटना पुलिस इस मौत को अस्वाभाविक बता रही है।

जीएम रोड में था दवा का बिजनेस

बिक्रम के रहने वाले वीरेश राजेंद्र नगर रोड नंबर तीन में रहते थे। यहीं से वो अपने दवा बिजनेस का काम देखते थे। इनका जीएम रोड में अपनी दुकान भी है। जानकारी हो कि तीस साल से बांकीपुर क्लब के मेंबर थे और इनका आए दिन यहां पर आना जाना होता था।

बार में नहीं लगा था कैमरा

यूं तो बांकीपुर क्लब में हर तरफ कैमरा लगा है, लेकिन बार में कैमरा नहीं लगा था। इसलिए अंदर बार में क्या हुआ, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। अगर गार्ड चंदन ने हत्या की है तो फिर आसानी से पकड़ में आ जाएगा, जबकि सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि पहली नजर में यह हत्या नहीं कहा जा सकता है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। लापता चंदन को भी खोजा जा रहा है।

तीस साल से था आना जाना

बांकीपुर क्लब से वीरेश तीस साल से जुड़े थे। वहां का हर कोई उन्हें जानता था और वो वहां के लोगों को। फैमिली वाले बताते हैं कि उनका किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। ऐसे में कोई कैसे इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है। वहीं दबी जुबान में लोग बिक्रम में आपसी रंजिश की बात भी बता रहे हैं। इसका खुलासा जल्द ही पुलिस करने वाली है।