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RANCHI : जाने-माने व्यवसायी नरेंद्र सिंह होरा की बीच बाजार हुई हत्या के बाद राजधानी में खलबली मची हुई है। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए आईजी अभियान, रांची डीआईजी और एसएसपी खुद लगे हुए हैं। शुक्रवार को बेखौफ अपराधियों ने रांची के मेन रोड में पीपी कंपाउंड निवासी 55 वर्षीय नरेंद्र सिंह होरा की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी।

क्या है मामला
घटना शुक्रवार रात करीब नौ बजे की है। नरेंद्र सिंह चावल के व्यवसायी थे। उनकी हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस के पास सबसे बड़ा सहारा सीसीटीवी फुटेज ही है। घटनास्थल के आसपास और जिस रास्ते से अपराधी फरार हुए थे वहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पुलिस ने हासिल कर ली है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक सीसीटीवी फुटेज में अपराधी फरार होते दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन उसमें उनकी तस्वीर पीछे से आई है जिसकी वजह से पुलिस को अपराधियों की पहचान में दिक्कत हो रही है। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के कई अधिकारी भी लगे हुए हैं। ये लगातार रांची पुलिस का सहयोग कर रहे हैं।

कॉल डिटेल निकाला गया
पुलिस ने घटना के समय का कॉल डिटेल भी निकाला है। उनसे जुड़े सभी फोन नंबरों की डिटेल पुलिस को हासिल हो चुकी है। पुलिस उन नंबरों की गहनता से जांच कर रही है। उनकी पहचान कर पुलिस उन नंबरों को यूज करने वालों की तलाश में लगी हुई है। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस को यह पता चल जाएगा कि वारदात के समय कौन-कौन फोन नंबर ज्यादा एक्टिव थे।

लूट या हत्या की थी साजिश
नरेंद्र सिंह होरा की हत्या लूटपाट के दौरान हुई या साजिश के तहत। यह पुलिस के लिए अभी भी एक अबूझ पहेली बनी हुई है। क्योंकि जिस तरह से नरेंद्र की हत्या की गई उससे साफ पता चलता है कि अपराधियों का इरादा सिर्फ लूटपाट करने का नहीं था। केवल लूटपाट करना होता तो अपराधी उन्हें सीने में सटाकर तीन गोलियां नहीं मारते।

 

जिस पर पुलिस कर रही है जांच

- पुलिस को आशंका है कि कहीं लूटपाट का विरोध करने पर तो नहीं मारी गई गोली

- बेटे ने क्यों कहा: अगर वह साथ होता तो पापा जिंदा होते, आखिर पापा की किससे दुश्मनी थी

- कहीं पैसे की लेन-देन में तो नहीं हुई हत्या

- कौन है पर्दे के पीछे, जो दुकान से लेकर घर तक नरेंद्र सिंह होरा का पीछा कर रहा था

- क्या नरेंद्र होरा ने किसी को पैसे दिए थे, तकादा करने पर तो नहीं मारी गई गोली