RANCHI: 5 अक्टूबर की शाम मेन रोड में सरेआम हुई व्यवसायी नरेंद्र सिंह होरा की हत्या की गुत्थी एक हफ्ते में भी सुलझ नहीं पाई है। फिलहाल, पुलिस ने आशंका जताई है कि कहीं नरेंद्र सिंह होरा गलतफहमी के शिकार तो नहीं हुए। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, यदि नरेंद्र से केवल लूटपाट की बात आती तो धमकी से ही रुपए लूटकर चले जाते। फिर, उन्हें सीने में सटा कर तीन गोली मारने की क्या जरूरत थी। पुलिस ने जब स्कूटी बरामद की तो पाया कि नरेंद्र सिंह होरा को यदि चलती स्कूटी या उसमें बैठकर गोली मारी गई होती तो स्कूटी से गिरने में खरोंच के निशान होते, जबकि स्कूटी में खरोंच तक नहीं था।

नरेंद्र 4 लाख लेकर आनेवाले थे, कौन जानता था

पुलिस अब यह मानकर चल रही है कि नरेंद्र सिंह होरा चार लाख रुपए स्कूटी में लेकर आ रहे हैं। इसकी जानकारी किसको थी। किसने शूटर को इस बात की जानकारी दी थी। पुलिस यह भी मान कर चल रही है कि कहीं किसी ने नरेंद्र सिंह होरा की सुपारी तो नहीं दी थी या नरेंद्र सिंह होरा को कुछ ऐसा पता चला हो, जिससे वे विचलित हो गए हों और उसकी चोरी कहीं पकड़ी नहीं जाए इसलिए उनकी हत्या करवा दी हो। पुलिस नरेंद्र होरा के बैंक अकाउंट, पुरानी दुश्मनी, पुराने दोस्त-यार से लेकर तमाम तरह की जानकारियां जुटाने में जुटी हुई है। पुलिस इंश्योरेंस के आधार पर भी छानबीन कर रही है कि नरेंद्र सिंह ने कहीं कोई पॉलिसी तो नहीं ली थी, जिससे किसी को फायदा होने वाला था।