जीएसटी की खामियों को गिनाया, इलाहाबाद बंद का मिला जुला असर

ALLAHABAD: एक जुलाई से लागू होने वाली जीएसटी की खामियों को लेकर व्यापारी मुखर हो चले हैं। उन्होंने कमियों की गिनाते हुए जीएसटी का जमकर विरोध किया। तमाम व्यापारी संगठनों ने शुक्रवार को इलाहाबाद बंद का आहवान करते हुए अपनी बात रखी। बंदी का मिला-जुला असर रहा। सिविल लाइंस और चौक के अलावा कई इलाकों में दुकाने खुली रहीं।

आर-पार की लड़ाई, सौंपा ज्ञापन

प्रयाग व्यापार मंडल की ओर से जीएसटी की खामियों के विरोध में 13 सूत्रीय ज्ञापन वित्तमंत्री अरुण जेटली को भेजा गया है। अध्यक्ष विजय अरोरा, जिलाध्यक्ष मो। कादिर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण केसरवानी, गुरुचरन अरोरा, प्रकाश टंडन, पूर्व सांसद धर्मराज सिंह पटेल, सुहैल अहमद जीएसटी की कमियों को पुतला फूंकते हुए बंदी के व्यापारियों का आभार प्रकट किया। रायल होटल सिविल लाइंस में सर्व समाज उद्योग व्यापार मंडल की बैठक प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु खरबंदा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें माजूद अहमद खान, युसुफ अंसारी, अंकित अग्रवाल, अकुर अग्रवाल, अंकित बंसल आदि ने जटिल जीएसटी पर विरोध दर्ज कराया। उप्र कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी ने जीएसटी को काला कानून बताते हुए इसे व्यापारियों को परेशान करने की केंद्र सरकार की साजिश बताया। विरोध दर्ज कराने वालों में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) समेत संयुक्त व्यापार मंडल महानगर इलाहाबाद ने अध्यक्ष सैय्यद मो। असकरी के नेतत्व में बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने जीएसटी और आधार का विरोध करने वाले ओरिजिनल पीएम नरेंद्र मोदी को वापस देने की मांग की। क्षत्रिय स्वर्णकार जनचेतना समिति और स्वच्छ वसुंधरा सोसायटी ने कमियों की खिलाफत करते हुए पेट्रोल डीजल पर जीएसटी लागू करने की मांग की।

इन्होंने किया समर्थन

उधर, कंजर्वेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने जीएसटी का स्वागत करते हुए सिविल लाइंस चौराहे पर गुब्बारे छोड़े और मिठाई बांटी। इस मौके पर पटाखे भी फोड़े गए। समर्थन करने वालों में कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल, मनोज अग्रवाल, डॉ। बीबी अग्रवाल, अजय गुप्ता, अजय अग्रवाल, आशुतोष गोयल आदि शामिल रहे। सर्व हित उद्योग व्यापार मंडल उप्र व सर्व युवा व्यापार मंडल प्रयाग की ओर से जानसेनगंज में हुई बैठक में जीएसटी का समर्थन किया गया। अध्यक्षता कृष्ण कुमार गुप्ता व संचालन पवन केसरवानी ने किया।

केंद्र सरकार जीएसटी जैसे नियम लाकर व्यापारियों और किसानों को अपना दुश्मन बना रही है। जबकि देश के यही दो वर्ग अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

विजय अरोरा,

अध्यक्ष प्रयाग व्यापार मंडल

भाजपा सोची समझी रणनीति के तहत व्यापारियों को परेशान कर रही है। यही कारण है कि जीएसटी को काले कानून की तरह पेश किया गया है।

मुकुंद तिवारी,

प्रदेश महासचिव, कांग्रेस

जीएसटी लागू करने से पहले सरकार ने जनमत संग्रह नहीं कराया। केवल विदेशी व्यापारियों और बड़े उद्योगपतियों के हित में यह कानून लाया गया है।

रामसागर,

महामंत्री, एटक

जीएसटी में व्यापारियों को जेल भेजने के कानून हटाया जाए। यह काला कानून है। जीएसटी को सरल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।

सैय्यद मो। असकरी,

अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार मंडल महानगर

जीएसटी को तत्काल प्रभाव से वापस किया जाए। यह व्यापारियों पर जबरन थोपा गया कानून है। इससे व्यापारियों का फायदा नही नुकसान होगा।

पवन केसरवानी,

प्रदेश अध्यक्ष, क्षत्रिय स्वर्णकार जन चेतना समिति

शिक्षा पर जीएसटी को हटाया जाना चाहिए। जनता को लाभ देने के लिए पेट्रोल और डीजल को इस कानून में शामिल किया जाना चाहिए।

विवेक अग्रवाल,

सचिव, स्वच्छ वसुंधरा सोसायटी

व्यापारियों को जटिल जीएसटी किसी तरह स्वीकार नही है। इसे सरकार को अच्छी तरह समझना होगा। बंदी की सफलता से सरकार को इसे समझना होगा।

हिमांशु खरबंदा,

प्रदेश अध्यक्ष, सर्व समाज उद्योग व्यापार मंडल

व्यापार मंडलों की जिम्मेदारी थी कि वह कार्यशाला आयोजित कर व्यापारियों को जीएसटी के बारे में प्रशिक्षित करते। अव्यवहारिक प्रावधानों का विरोध मंच के माध्यम से हो न कि बंदी के जरिए।

महेंद्र गोयल,

पूर्वी उप्र अध्यक्ष, कैट

केंद्र सरकार व्यापारियों के हित में काम कर रही है। उन्हें परेशान नही होना चाहिए। इससे इंस्पेक्टर राज खत्म होगा और व्यापार को नई दिशा मिलेगी।

पवन केसरवानी,

अध्यक्ष, सर्व हित उद्योग व्यापार मंडल

हम जीएसटी का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम इसमें संशोधन की मांग कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि किसी भी व्यापारी को कोई नुकसान न हो और उनके मन में कायम भ्रम दूर हो जाए।

योगेश गोयल

महामंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल, इलाहाबाद