LUCKNOW : गोरखपुर टेरर फडिंग मामले में वांछित चल रहे मास्टर माइंड रमेश शाह को बीते मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे से यूपी एटीएस की कानपुर इकाई व महाराष्ट्र एटीएस की संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। एटीएस उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ला रही है जहां अदालत में पेश करने के बाद उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर आतंकियों से जुड़े राज उगलवाने की कोशिश की जाएगी। ध्यान रहे कि विगत 24 मार्च को एटीएस ने इस मामले का खुलासा करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं मास्टरमाइंड रमेश शाह की तलाश की जा रही थी।

लॉटरी फ्रॉड से जुटाते थे रकम

रमेश मूल रूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है हालांकि पिछले कई सालों से उसने गोरखपुर को अपना ठिकाना बना रखा था। एटीएस के मुताबिक पाकिस्तान में सक्रिय हैंडलर लॉटरी फ्रॉड के जरिए लोगों को ठगते थे और बाद में इसे रमेश के जरिए पाकिस्तान मंगवा लेते थे। इसके बाद इन्हें हवाला के जरिए संवेदनशील इलाकों जैसे खाड़ी देशों, जम्मू-कश्मीर, केरल, नॉर्थ ईस्ट से यहां के कुछ बैंक खातों में जमा कराया जाता था। बाद में रमेश शाह खाताधारकों का हिस्सा देकर उनसे बाकी रकम अपने पास मंगा लेता था और पाकिस्तानी हैंडलरों द्वारा बताए गये लोगों के बैंक खातों में उन्हें जमा कर देता था। खास बात यह है कि जिन खातों से यह रकम मंगाई जाती थी उनमें पांच से पंद्रह लाख रुपये तक जमा मिले हैं जो ठगी के जरिए जुटाए गये थे। इस तरह रमेश शाह एक करोड़ रुपये से ज्यादा मंगवाकर उसे देश के अलग-अलग जगहो पर बांट चुका था। रमेश को ही इंटरनेट कॉल के माध्यम से पता चलता था कि पैसा आ गया है और फिर उसके कहने पर गोरखपुर से गिरफ्तार हो चुका मुकेश खाताधारकों को फोन करके पैसा आने की पुष्टि करता था। एटीएस इस बात की पड़ताल भी कर रही है कि कहीं इस रकम का इस्तेमाल जम्मू-काश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम देने में तो नहीं किया जा रहा था।

कंप्यूटर का माहिर, खुद का मार्ट

रमेश इस धंधे से मिले पैसों का इस्तेमाल गोरखपुर में असुरन चुंगी के पास खुद के प्रतिष्ठान सत्यम शॉपिंग मार्ट में भी कर रहा था। वह कंप्यूटर का अच्छा जानकार भी है व फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने का माहिर है। एटीएस के मुताबिक हवाला व्यापारी और विदेशी हैंडलर को कब पैसे जाने होते हैं यह सिर्फ रमेश शाह ही जानता है। रिमांड पर लेने के बाद उससे पाकिस्तानी हैंडलरों और देश में जिन लोगों को वह पैसा बांटता था, उनके बारे में गहन पूछताछ की जाएगी। आईजी एटीएस असीम अरुण ने रमेश शाह को गिरफ्तार करने वाली टीम को नगद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है।

ये हुई बरामदगी

रमेश के साथियों मुशर्रफ व मुकेश के पास बरामद फोन व डायरी, कई फर्जी पहचान पत्र, बैंकों की पासबुक और एटीएस कार्ड, लैपटॉप और फोन रिकॉर्डिग। इसके अलावा एटीएस द्वारा पूर्व में बरामद किए गये तमाम संदिग्ध दस्तावेजों में अधिकांश रमेश की हैंडराइटिंग में हैं।

पहले ये हुए थे गिरफ्तार

बिहार के गोपालगंज निवासी मुकेश कुमार, कुशीनगर निवासी निखिल राय, आजमगढ़ निवासी अंकुर राय, गोरखपुर निवासी दयानंद यादव, नसीम अहमद, नईम अरशद।