- भलोटिया मार्केट में पार्किंग की समस्या नहीं होने से परेशान हैं व्यापारी

- सड़क व नाली की भी समस्या,

नगर निगम नहीं सुनता शिकायतें

GORAKHPUR: 700थोक दुकानें, दस हजार से अधिक लोगों की रोज एंट्री, तीन करोड़ का रोजाना कारोबार और लाखों लोगों से जुड़े होने के बाद भी भलोटिया मार्केट बदहाल है। पूर्वाचल में दवा की सबसे बड़ी मंडी भलोटिया मार्केट के व्यापारी कई दशकों से गुहार लगाने के बाद भी आज तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सड़क, नाली, पेयजल, सार्वजनिक शौचालय, यूरिनल की असुविधा तो हजारों व्यापारी झेल ही रहे हैं। सबसे अधिक समस्या मार्केट में उलझे तारों को लेकर है। चार दशक पहले लगाए गए तारों के सिस्टम को व्यापारियों की मांग के बाद भी अभी तक नहीं बदला जा सका है। आशंका है कि कई जगह नंगे हो चुके तारों में बारिश के मौसम में शॉर्ट सर्किट से दुर्घटना हो सकती है। भलोटिया मार्केट में टूटी सड़कों, नालियों की दु‌र्व्यवस्था का हाल यह है कि मुख्यमंत्री की पहल से 50 लाख रुपए का फंड जारी करने के बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है। साथ ही रोज लगने वाला जाम व पार्किग के अभाव से लोग मार्केट में बिना जरूरत इंट्री करने से भी घबराते हैं।

कब अंजाम तक पहुंचेगा काम

भलोटिया मार्केट के व्यापारियों ने बदहाल सड़कों को दुरुस्त करने, नाली के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। अप्रैल 2018 में सीएम की पहल पर नगर निगम ने भलोटिया मार्केट को दुरुस्त करने के लिए 50 लाख रुपए का बजट जारी कर दिया था। तय समय में निगम ने काम भी शुरू करा दिया था। लेकिन 10 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिसका नतीजा है कि आज भी सड़कें बदहाल पड़ी हुई हैं। नालियां नहीं बनने से हल्की बारिश में भी मार्केट में जलभराव हो जाता है। जिससे मार्केट में आने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।

सार्वजनिक सुविधाओं का अभाव

भलोटिया मार्केट में रोजाना 10 हजार से अधिक लोगों की इंट्री होती है। मार्केट में सार्वजनिक शौचालय, पेयजल, यूरिनल का इंतजाम नहीं किया गया है। आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। हजारों गाडि़यों के आने से पूरे मार्केट में जाम जैसी स्थिति बनी रहती है जिसकी वजह से लोग आने से कतराते हैं। पार्किग नहीं होने के कारण पूरे भलोटिया मार्केट में बेतरतीब गाडि़यां खड़ी रहती हैं जिससे पहले से ही संकरी सड़क की चौड़ाई और भी कम हो जाती है।

एक दर्जन कॉम्पलेक्स का समूह मार्केट

मार्केट के अंदर एक दर्जन से अधिक कॉम्प्लेक्स है। भलोटिया मार्केट से नेपाल, बिहार सहित आसपास के कई जिलों में दवा की सप्लाई की जाती है। मलाव भवन, कृष्णा कॉम्प्लेक्स, पशुपति दवा बाजार, जीएम कॉम्प्लेक्स, गौतम कॉम्प्लेक्स, लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स, शिवम कॉम्प्लेक्स, कोहली मार्केट, शारदा दवा बाजार, भाटिया मार्केट, सिंघानियां मार्केट, भीम कॉम्प्लेक्स, भलोटिया मार्केट का समूह भलोटिया मार्केट के नाम से जाना जाता है। कुल 700 दुकानों में से 100 दुकानें ही भलोटिया मार्केट के अंदर हैं।

फैक्ट फिगर

मार्केट में 700 थोक दुकानें

तीन करोड़ का रोजाना टर्नओवर

10,000 लोगों की रोजाना इंट्री

कोट्स

मार्केट में सड़क की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई प्रयासों के बाद बजट की स्वीकृति मिली है। बजट जारी होने के 10 महीने बाद भी काम अभी तक अटका हुआ है।

- योगेन्द्र नाथ दूबे, बिजनेसमैन

मार्केट में रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना होता है। सार्वजनिक शौचालय, यूरिनल होना ही चाहिए। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता से कोई इंतजाम नहीं हुआ है।

- अर्जुन अग्रवाल, बिजनेसमैन

सड़कों को दुरुस्त कर दिया जाए तो जाम की समस्या को भी कम किया जा सकता है। हजारों लोगों के हित में प्रशासन को सख्त फैसले लेने चाहिए।

- विनोद गुप्ता, बिजनेसमैन

दशकों पहले मार्केट में बिजली वायर लगाए गए थे। कई जगहों पर वह उजड़ गए हैं। जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ गई है। संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

- आलोक चौरसिया, बिजनेसमैन

भलोटिया मार्केट पूरे पूर्वाचल सहित नेपाल व बिहार तक दवाओं की सप्लाई में सहयोग करता है। लेकिन प्रशासन यहां के व्यापारियों के प्रति उदासीन है।

- राजेश तुलस्यान, बिजनेसमैन

मार्केट में सफाई के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। सफाईकर्मी केवल औपचारिकता पूरी करके चले जाते हैं।

- विनोद गुप्ता, बिजनेसमैन

भलोटिया मार्केट के व्यापारी सरकार को करोड़ों का टैक्स अदा करते हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।

- अनुराग अग्रवाल, बिजनेसमैन

शहर का सबसे महत्वपूर्ण मार्केट होने के बाद भी हमें मामूली सुविधाओं के लिए आफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं। सुनवाई नहीं हो रही है।

- संतोष श्रीवास्तव, बिजनेसमैन