तो फिर कहना ही क्या

सिटी में एक अदद आशियाने की चाह किसे नहीं है। और जब वो केडीए से एलॉट हुआ हो तो फिर कहना ही क्या। सोचिए आपके दिल पर क्या बीतेगी कि आशियाना तो आपको मिल जाए लेकिन फिर अचानक कोई उसे आपसे छीन ले? जाहिर सी बात है ऐसे में सपनों के टूटने का जो दर्द होगा वो बयान नहीं किया जा सकता। यही दर्द झेला है केडीए की प्रेरणा विहार स्कीम के अलॉटीज ने। कई साल पहले यहां लोगों को प्लॉट  अलॉट किए गए, रजिस्ट्री भी हो गई। लेकिन केडीए के ग्राउंड वर्क की कमी के चलते लोगों को उनके प्लॉट्स का कब्जा कभी नहीं मिल सका.  हालांकि, केडीए ने उन फ्लैट्स के विकल्प के रूप में प्लॉट्स देने की कवायद जरूर शुरू की है। वीबी सिंह, मीनाक्षी आदि सहित 71 लोगों का वेडनेसडे को केडीए में हुई लॉटरी में प्लॉट निकला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। चेहरे में खुशी हो भी तो क्यों न, करीब सात साल से इन सभी 123 लोगों के प्रेरणा विहार हाउसिंग स्कीम में लाखों रुपए जो फंसे हुए थे। लेकिन अभी भी इनके जैसे हजारों एलॉटीज हैं, जिनके केडीए की विभिन्न हाउसिंग स्कीम्स में वर्षों से करोड़ों रुपए जमा हैं। उन्हें दूसरी जगह एलॉटमेंट के बाद भी प्लॉट नहीं मिल सके हैैं। यानि, जमीन एक्वॉयर करने के पहले किए गए केडीए के रिसर्च वर्क में कमी की वजह से अभी भी हजारों लोगों को मायूस होना पड़ रहा है।

रजिस्ट्री भी हो चुकी थी

केडीए की प्रेरणा विहार हाउसिंग स्कीम वर्ष 2004-05 के करीब लांच हुई थी। इसमें 223 प्लॉट थे। इस स्कीम में प्लॉट पाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अप्लाई किया। लोगों का प्लॉट निकला तो उनके चेहरे चमक गए। सोचा कि अब उनका भी अपना एक घर होगा। कुल 123 लोगों ने तो पूरा पैसा जमा कर रजिस्ट्री भी करा ली। लेकिन रजिस्ट्री के बाद जब वे प्लाट पर कब्जा लेने के पहुंचे थे। उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पता चला कि यहां के 141 प्लॉट पर विवाद है। इसी वजह से उन्हें कब्जा नहीं मिल पा रहा है। तब तक इन लोगों के करीब एक करोड़ रुपए केडीए में फंस चुके थे। लोग अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे थे। इन लोगों के पास केडीए ऑफिसर्स के पास चक्कर लगाने के सिवा कोई उपाए भी नहीं बचा था।

तो दूसरा ले लो

प्रेरणा विहार स्कीम के 141 प्लॉट्स के विवादित हो जाने पर इनके अलॉटीज केा तात्या टोपे नगर और जरौली में वैकल्पिक प्लॉट देने का डिसीजन हुआ। एलॉटीज से सहमति भी मांगी गई। 71 लोगों के तैयार होने पर उनकी वेडनेसडे को लाटरी की गई है। सभी को इन दोनों जगह पर प्लॉट एलॉट किए गए हैैं। डिप्टी सेक्रेटरी मयंक यादव ने बताया 19 लोगों को 98 वर्गमी., 21 लोगों को 112 वर्गमी। और 31 लोगों को 162 वर्गमीटर प्लॉट एलॉट किए गए हैैं। हालांकि वैकल्पिक प्लॉट पाने लोगों को अब पैसा तो नहीं जमा करना पड़ा है। लेकिन रजिस्ट्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है। लोग ऑफिसर्स से पूछते रहे कि क्या उन्हें दोबारा रजिस्ट्री करानी के लिए स्टाम्प जमा करने पड़ेंगे। इस पर केडीए ऑफिसर उन्हें टरकाते रहे। केडीए के एडीशनल सेक्रेटरी सीपी त्रिपाठी ने बताया कि एलॉटीज की सहमति से वैकल्पिक प्लॉट लाटरी के जरिए एलॉट किए गए हैैं। रजिस्ट्री की समस्या भी हल की जाएगी।
 
कई जगह यही हाल है

प्रेरणा विहार ही नहीं, केडीए की आशियाना हाउसिंग स्कीम,  जवाहरपुरम, पोखरपुर, रतनपुर एक्सटेंशन पार्ट-2, स्वर्ण जयन्ती विहार, जूही स्कीम, जरौली आदि हाउसिंग स्कीम्स में बड़ी संख्या में एलॉटीज को अभी तक प्लॉट नहीं मिल पाए हैं। आशियाना में रेट बढ़ाए जाने के कारण 60 से अधिक लोगों ने नेशनल कन्ज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन तक में अपील की है। जवाहरपुरम के डिफरेंट सेक्टर्स में लगभग 550 एलॉटीज का पैसा फंसा हुआ है। ये लगभग 5 करोड़ रूपए है। इसी तरह रतनपुर एक्सटेंशन पार्ट-2 भी विवादों के घेरे में आ गई थी, जिसमें करीब 750 एलॉटीज का करोड़ों रुपया फंसा हुआ है। स्वर्ण जयन्ती विहार में लगभग 350 एलॉटीज को प्लॉट नहीं मिल पा रहे है। जूही व जरौली स्कीम में 100 से अधिक प्लॉट विवादित हुए। जिसके कारण एलॉटीज का घर का सपना अभी तक पूरा नहीं पाया है। लंबे समय से लोगों के करोड़ों रूपए  केडीए में फंसे हुए हैं, वे घर का सपना पूरा होने की आस में केडीए ऑफिस के चक्कर पर चक्कर काटने को मजबूर हैैं। मगर एलॉटीज को वैकल्पिक प्लॉट तक नसीब नहीं हो पा रहे हैं।